Nirankar Ji   (एक तू ही निरंकार)
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Joined 18 April 2021


Joined 18 April 2021
11 JUN 2021 AT 17:50

पाकर सतगुरु का प्यार
मैं हर पल शुक्र मनाता हूं,
एक वही है जिसकी याद में,मैं सदा मुस्कुराता हूं,
उसका दिया पहनता हूं,उसका दिया खाता हूं,
उसकी रहमत की छांव में ही जिन्दगी बिताता हूं।

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9 JUN 2021 AT 12:55

नज़र बदलो नज़ारे बदलेंगे,
खुद को बदलो हजारों बदलेंगे।
"जुड़ जाओ सेवा,सिमरन,सत्संग से,
किस्मत के फिर सितारे बदलेंगे।।

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7 JUN 2021 AT 12:48

दिल करो गुरु के हवाले,
सदा रहेंगे दिल में उजाले।
उतर जाएंगे दुखों के जाले,
गुरु प्रेम में बनो मतवाले।।

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7 JUN 2021 AT 12:45

तेरा दूर से दीदार करना भी इबादत है,
तेरे दर पर सर झुकाना भी इबादत है।
ना पोथी,ना मंत्र,ना माला,ना सजदा,
तुझे हर पल याद करना भी इबादत है।

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5 JUN 2021 AT 20:25

हे प्रभु मुझे समर्पण दे,
मेरे कार्य ना हो,तो मुझे सब्र दे।
मेरे कार्य हो,तो मुझे शुकर दे,
मैं कुछ समझ ना पाऊं,तो मुझे विवेक दे।
मेरा विश्वास डोले,तो मुझे विश्वास दे।

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3 JUN 2021 AT 20:10

वो जो करता है,सही करता है।
जिसमे मेरी खुशी हो,वही करता है।
भरोसा है मुझे मेरे सत्गुरु पे,
वो हर कदम मुझे अपने साथ रखता है।।

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28 MAY 2021 AT 21:33

झोली को फैलाकर के मांगे वर इक ये देना।
जो इम्तेहान लिया है ये फिर कभी न लेना।
हम तेरे बच्चे हैं तूने लाड लड़ाना है।
कुछ आ गये है यहां पर, औरों ने भी आना है।।

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28 MAY 2021 AT 21:25

निंदको की बदौलत ही जग ने हमें जाना है।
कुछ आ गये है यहां पर, औरों ने भी आना है।
जो आ ही गया यहां पर,उसने कहां जाना है।
तेरे इक इक सिख ने,यहां लाखों को लाना है।।

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28 MAY 2021 AT 21:18

ये तेरी है रहमत कि तूं मिल गया है।
चमन मेरा उजड़ा हुआ खिल गया है।
लगे ख़ार भी फूल संग मुस्कुराने।
यह सच है कोई चाहे माने या ना माने।।

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28 MAY 2021 AT 21:14

सभी कुछ तू ही,तू ही कुछ नही है।
तेरी इस रमज़ को ना संसार जाने।
निरंकार भी तू,तो साकार भी तू।
यह सच है कोई चाहे माने या ना माने।।

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