पाकर सतगुरु का प्यार
मैं हर पल शुक्र मनाता हूं,
एक वही है जिसकी याद में,मैं सदा मुस्कुराता हूं,
उसका दिया पहनता हूं,उसका दिया खाता हूं,
उसकी रहमत की छांव में ही जिन्दगी बिताता हूं।-
नज़र बदलो नज़ारे बदलेंगे,
खुद को बदलो हजारों बदलेंगे।
"जुड़ जाओ सेवा,सिमरन,सत्संग से,
किस्मत के फिर सितारे बदलेंगे।।-
दिल करो गुरु के हवाले,
सदा रहेंगे दिल में उजाले।
उतर जाएंगे दुखों के जाले,
गुरु प्रेम में बनो मतवाले।।-
तेरा दूर से दीदार करना भी इबादत है,
तेरे दर पर सर झुकाना भी इबादत है।
ना पोथी,ना मंत्र,ना माला,ना सजदा,
तुझे हर पल याद करना भी इबादत है।-
हे प्रभु मुझे समर्पण दे,
मेरे कार्य ना हो,तो मुझे सब्र दे।
मेरे कार्य हो,तो मुझे शुकर दे,
मैं कुछ समझ ना पाऊं,तो मुझे विवेक दे।
मेरा विश्वास डोले,तो मुझे विश्वास दे।-
वो जो करता है,सही करता है।
जिसमे मेरी खुशी हो,वही करता है।
भरोसा है मुझे मेरे सत्गुरु पे,
वो हर कदम मुझे अपने साथ रखता है।।-
झोली को फैलाकर के मांगे वर इक ये देना।
जो इम्तेहान लिया है ये फिर कभी न लेना।
हम तेरे बच्चे हैं तूने लाड लड़ाना है।
कुछ आ गये है यहां पर, औरों ने भी आना है।।-
निंदको की बदौलत ही जग ने हमें जाना है।
कुछ आ गये है यहां पर, औरों ने भी आना है।
जो आ ही गया यहां पर,उसने कहां जाना है।
तेरे इक इक सिख ने,यहां लाखों को लाना है।।-
ये तेरी है रहमत कि तूं मिल गया है।
चमन मेरा उजड़ा हुआ खिल गया है।
लगे ख़ार भी फूल संग मुस्कुराने।
यह सच है कोई चाहे माने या ना माने।।-
सभी कुछ तू ही,तू ही कुछ नही है।
तेरी इस रमज़ को ना संसार जाने।
निरंकार भी तू,तो साकार भी तू।
यह सच है कोई चाहे माने या ना माने।।-