तेरे बिना, तेरे बिना
आगे मेरी राह कैसी
हाथों में जो तेरे हाथ नहीं
बिन बोले, बिन बोले
दिल से मेरे, तेरी
आंखें कहती रहीं
दुरियाँ हैं लम्हातों में पर
फिर से हम मिलेगें
तेरी यादें समेटे, हम चलेंगे-
Sketch artist (by birth)
Pasndida shayr:- john eila, gaalib, Ah... read more
जीवनयापन वाली नौकरी
खा जाती हैं सपनों को
कुछ नया करने की क्षमता को-
इश्क़ दुबारा हुआ हैं किसी से
पर वो जुनून गया
टुट के चाहनें की हद तक
हश्र मालूम हमें, सो में ठहर गया-
इक दफा कोशिश की थी बांधने की हमनें
इक दफा हमनें गवायाँ भी बहुत हैं
इक दफा गिराया था सम्मान किसी का
इक दफा खुद को हराया भी बहुत हैं
अब वापस दोहराना नहीं है हमें
जो मिला खुबसूरत इंसा, गवाना नहीं हैं हमें-
तुम्हारी value नहीं हैं
ये बात मेरे दिल
मेरी आँखों से पुछो
पानी का
जैसे रेत में भटके
प्यासे से पुछो
पुछो पतगं से उसकी डोर का
तपन धरती से पुछो
बादल की घन-घौर का
पुछो सांसों से हवा की क्या value
पुछो कलम से स्याही की क्या value
जबाब मिले तो बताना मुझें
मेरे ज्जबातो की क्या value.
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खिला था दोपहर तक को इक शहर
अब तल्ख़ खामोशी सी छायी हैं
वीरानी गलियां फिर महसूस हुई
फिर आंखें भर आयी हैं
दिल तो है कि हाल पूछे उनका...
आग तो दिमाग ने लगाई हैं
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कौनसी इबादतों दुआओं का ये असर हैं
जो वक्त़ की राहों में हम, हमसफ़र हैं
सुकुन-ए-जहाँ सब मिल जाते हमें
जब माथे पर मेरे, ठहरें तेरे लब हैं-
तेरी अदा पे मरते हैं
इश्क़ तुम्हीं से करतें हैं
सांसें मेरी हो तेरे बगैर
इस ख्याल से डरते हैं
चांदनी भी मांगे साथ तेरा
जन्नत से हम मुकरते हैं
इश्क़ तुम्हीं से करते हैं-
यादें,सर्द हवा के झोंके सी
अन्दर तक सिहरन ले आती हैं
घिर के तुम्हारी बांहों में
सुकून अंगीठी सा मैं पाता हूँ
जो हूँ मैं कभी उदास बैठा
तुम आकर चिड़ियों सी चहचाती हो
फिर सुनती हो मुझे बडे़ आराम से
मेरे दर्द को अपना कर जाती हो
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इक शक्स मेरे दिल का ख्याल बहुत करता हैं
और ये बेवकूफ बिति बातों पर मलाल करता हैं-