Kya kahu kuch kehne ki baat h...
Keh to du par darne ki baat h...
Na kahu to marne ki baat h...
Ishq Izhar karu to dil ki baat h...
Gar sach kahu to mohabbat ki baat h...
Hamara milna ya na milna mukaddar ki baat h...
Par kosish kiye bin haar man lena lanat ki baat h...-
Tum achi thi...
Tum achi ho...
Or tum achi hi hogi...
Ye to jab pata chalega jab tum meri hogi...-
पहली दफा़ तुझें देखतें हीं मैं हिल सा गया...
ना जाने कैसा ये जादू चला आपका...
पत्थर जैसा ये दिल मेरा पिघल सा गया...
जुर्रत तो बहुत की आप से नज़ारे बचाये जाये...
ना जाने कैसा ये जादू चला ईन नज़रों का...
मेरा ये भोला - भाला सा मन बिगड़ सा गया...
दूर रहने की कोशिश की कईं दफा़ हमने...
ना जाने कैसी ये कमी खली आपकी ...
हम हसते ही रहे पर आंखो में पानी सा आ गया...-
पहली दफा़ तुझें देखतें हीं मैं हिल सा गया...
ना जाने कैसा ये जादू चला आपका...
पत्थर जैसा ये दिल मेरा पिघल सा गया...
जुर्रत तो बहुत की आप से नज़ारे बचाये जाये...
ना जाने कैसा ये जादू चला ईन नज़रों का...
मेरा ये भोला - भाला सा मन बिगड़ सा गया...
दूर रहने की कोशिश की कईं दफा़ हमने...
ना जाने कैसी ये कमी खली आपकी ...
हम हसते ही रहे पर आंखो में पानी सा आ गया...-
चंद लम्हों के लिए तू कभी आ तो सही...
अपनी मुस्कुराहट मुझ पर कभी बरसा तो सही...
छोटी-छोटी बातों की खता मुझ से कभी सुना तो सही...
मैं तेरा हीं हूंँ कभी मुझ पर अपना हक जता तो सही...-
नहीं पता क्यू हो जाता हू में सब से दूर...
किस बात का चढ़ा है मुझको ये फितूर...
ये तो पता है की सब बकवास हैं...
तो फिर ये दिल अकेले ही क्यूँ उदास है...-
ना तुम ना मैं मुझे नज़र आते हैं...
आपका तो मुझे पता नहीं...
पर मुझे हम दो एक जिस्म और जान नज़र आते हैं...-
उफ्फ तेरा इस कदर आना...
हमें जार जार कर जाता है...
हमारा दिल तो है हि पत्थर का...
पर इसको भी चकनाचूर कर जाता हैं...-