कुछ वाली जिंदगी
कुछ रास्ते थे, कुछ फासले थे,
इन रास्तों पे कभी कोई आया नही, इन फसलों को कभी किसी ने मिटाया नहीं।।
कुछ हस्ते थे, कुछ हंसाते थे,
जो हस्ते थे उन्होंने कभी हसाया नही,और जो हंसाते थे उन्होंने कभी रुलाया नही।।
कुछ खास थे, और कुछ पास थे,
जो खास थे वो, कभी पास आ ना सके,और जो पास थे वो, खास बन ना सके।।
कुछ सफलताएं थी, कुछ असफलताए थी,
सफलताओं ने अंधेरे में कहीं घर बना लिया,और असफलताए अंधेरे में भी चमकने लगी।।
कुछ सर्वज्ञ थे, कुछ अल्पज्ञ थे
सर्वज्ञ ने गुरुर करना कभी, सिखाया नही,अल्पज्ञ ने अहंकार से ज्यादा कुछ दिखाया नही।।
कुछ चेत थे, तो कुछ अचेत थे,
चेत ने कभी सच्चाई को दिखाया नही,अचेत ने कभी झूठ बोलना सिखाया नहीं।।
कुछ वहम में थे, कुछ अहम मे थे,
जो वहम में थे उनको अहम से ज्यादा कुछ दिखा नही,
और,जो अहम में थे उनको वहम से ज्यादा कुछ मिला नही।।
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