इन ख़्वाबों के सहारे ,न जाने क्यु ए जिंदगी
बड़ी हसीन सी लगती हैं !
कुछ समझ न आएफिर भी देखो मुस्कुराये
बड़ी अजीब सी लगती हैं !
किसी शाम सी सुहानी या दिन की कहानी
बड़ी अजनबी सी लगती हैं !
हर एक मोड पर ,ज्यादा सुंदर हो रही हैं की
बड़ी सयानी लगती हैं !
आ चलो जीते हैं , ख़्वाब नए बुनते हैं
बड़ी हसीन लगती हैं
ए जिंदगी...
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इतनी सारी ख़्वाहिशो में
चुनिंदा हैं जो मेरे लिए हैं
बाकी बची तो न जाने किसके
लिए संभालकर रखी हैं ।-
कल ही उन्होंने गुलाब दीया था
और कांटे भी,
वह कहेते हैं ना क़ोई चीज़
अकेले नहीं मिलती ।
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क्या लिखूं में उसके बारे में !
उसने कभी पढ़ा ही नहीं ।
काश लिख पाती तो अच्छा होता !
लेकिन खोया हुआ पन्ना मिला ही नहीं ।
कहता मुझसे अक्सर तु मुस्कुराती ज़्यादा हैं !
कभी उसने गौर करके देखा ही नहीं ।
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Sometimes life brings us to a different path, you cannot go back in the past to change the things, which are reason of being unhappy, but we can choose our future to being happy. So smiles everyday!
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कुछ ईस तरह से बना ली जगह तुमने
चाहते हुए भी किसी और की ना हो सकेंगी;
अगर मिल जाएँ दोनो किसी अजनबी मोड़ पे
आँखे हमारी झुकीं झुकीं ही रहेंगी;
बिछड़ना लिखा होंगा तो बिछड़ेंगे कई बार
वापिस मिलनें की चाहत फिर भी कम न होंगी;-
बात बढ़ती आगे तो पता नहीं कहाँ तक जाती
तुमसे मिलने की चाहत और बढ़ जाती ;
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એક મુંઝવે એવી વાત થઈ,
મેં ચાહ્યો'તો દિવસ ને કાજળઘેરી રાત થઈ;
સુર્ય ધીરે રહીને આથમી ગયો,
ચાંદ ડોકાયોને કહે આ તે શું વાત થઈ;
તારલાઓ ચમકતા હતાં આભલેને,
ફીક્કી તેની આગળ મારાં સાડલાની ભાત થઈ;
ઓલ્યા પંખીડા કરે કલબલાટ અને,
ગજવે ગજવે આંગણુને તેમાં જ રાત થઈ;
કોરે પડેલો ચૂલો તાપે એ ફૂંકીને,
મીઠાં શા રોટલાની વાત થઈ;
ખેતરથી આવતાં મોલ પસવારતાંને,
વાંકી તે કેડીની ભાત થઈ;
છોકરડાં હેઠાં બેસે નહીં ને,
કાલીઘેલી ભાષામાં કરતાં એવી વાત થઈ;
નીકળ્યાં હતાં જરાં ગામડેથી તો,
યાદ આવીને મજાની વાત થઈ;
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तो अपनी चाहत को बेइन्तहा रखना !
कहतें हैं की ,
चाह और राह बदली नहीं जातीं बार बार !-