तुमने अपने प्यार में दीवाना बना दिया
जाल बुना तुमने मुझे जालसाज बना दिया।-
Niraj Amar
(Niraj amar)
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Name - Niraj amar
Date of birth - 1/7/1985
एक रचनाकार शब्दो के मोती को
एक माला में सजाता है... read more
Date of birth - 1/7/1985
एक रचनाकार शब्दो के मोती को
एक माला में सजाता है... read more
Joined 13 August 2019
27 MAY AT 21:16
22 FEB AT 20:48
समय तो अच्छे अच्छों का
दिन खराब करता है
भाई आज पता चला
समय का भी समय खराब होता है।
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17 FEB AT 23:54
जब ईश्वर हमारे कण कण में है
तो हमारा मन ही तो कुंभ मेला है
कुंभ की परिभाषा तो
हमारे उच्च विचारों से है
ना कि भीड़ की भगदड़ से
ना ही लाशों की ढेरों से है
जिनका अपना खोया कहते हो
व्यवस्था बहुत अच्छी थी
जिनकी आत्मा तिल तिल जली
उनसे पूछिए क्या घर का मंजर था
ज़िंदगी को दो पैसों का हवाला देकर
ज़िंदगी को रेत सा समझते हो।
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17 FEB AT 11:09
कुंभ में डुबकी वही लगाए
जो करे मन संकल्प को दृढ़
गंगा नहाए पाप वहीं छोड़ कर आए
वरना ना करो इस तरह का ढोंग।
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24 JAN AT 10:31
खुद की खुशी में खुद गुम हो गए
लावारिश बनकर कही भीड़ में खो गए
भटककर समझ आया हम किस जहां में आ गए।-
3 DEC 2024 AT 8:55
व्यक्त्तिव हमारी पहचान है
अपने किरदार को इतना मजबूर बनाओ
जो छु ना पाए कोई बुराई उसे।-