जब तेरे जाने के गमों में खुद को गवा रहे थे हम। तू आएगा जरूर एक दिन के झूट से खुद को बहला रहे थे हम। के जब कम हुआ मेरे इश्क का असर तुझ पर से। हमने ही जताया नही होगा महोबत सही से कह कर खुद को गुनेहगार बाता रहे थे हम।।
हमारी शायरी में उसकी बहुत बात हुई। उसने दिल तोड़ा फिर भी बात उसकी हर रात हुई। के महफिल में लोग प्यार में डूबे थे। और हमारी हर बार मोहब्बत से बस मुलाकात हुई।।
उसके वहां हमारा अक्सर आना-जाना है।। हमने तो घर बाना लिए था वहां। मगर पता लगा ये उनका सिर्फ दिल बहलाना है।। हमें मोहब्बत हुई थी। और उनकी आदत यूँ ही दिल लगाना है।।
हम टकराएं न कभी, वो हमें देखे पर मुस्कुराएं न कभी, क्यूकी अबकी जो खोए उनके प्यार में हम तो खुद को भूल जाएंगे, और पुराने ज़ख्म भरे नहीं अभी, फिर से कैसे अपनाएंगे।।