Nilu singh   (Nilu singh)
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Joined 11 February 2024


Joined 11 February 2024
47 MINUTES AGO

अनुभव बहुत जरूरी है
जीवन के विस्तार को ,
अपनों के उपकार का ,
गैरो के परोपकार का ,
समझ होना जरूरी है ।
इन दोनों से मिलने वाले ,
धोखे की परख भी जरूरी है ।
अनुभव बहुत जरूरी हैं ।
जीवन के विस्तार को
रास्तों की गहराई की ,
मंजिल की ऊँचाई की ,
लोगो की वाहवाही की,
और अपनी हस्ती की ,
जानकारी बहुत जरूरी हैं ।
अनुभव बहुत जरूरी है ।
जीवन के बिस्तर को ,

- नीलू सिंह


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AN HOUR AGO

परिवार के लिए जद्दोजहत करना पड़ता हैं
अपनी खुशियों को ताक पे रख कर
परिवार चलाना पड़ता है ।
धूप में तप कर बारिस में भींग कर
सर्दी में ठिठुर कर मेहनत करनी पड़ती है ।
सुबह सब से पहले जग कर
चूल्हा-चौका करना पड़ता है ।
लोगों के अपशब्द , ताने सुन कर
आगे निकलना पड़ता हैं
परिवार में भी बोली -बहबोली
सुनना पड़ता है , तब
जाकर ये परिवार चलता है ।

- नीलूसिंह

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4 HOURS AGO

वजूद की बात ना करना साहब
वजूद तो एक चींटी के पास
भी होता हैं
आ जाए अपने जिद्द पे तो ,
हाथी के छक्के छूट जाता है

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15 HOURS AGO

रात का वादा था मुझसे
एक शुकून की नींद सुलाने की ..

उसे याद नही था शायद
मेरी किस्मत की लकीरों की ..

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17 HOURS AGO

सांस लेते है मगर जिंदा नही है ।
जी रहे है मगर ख्याल नही है ।

मिट गये यहाँ ऑरो के लिए ,
जहाँ अपना कोई नही है ।

जिंदगी से रूठ कर मैं ,
मौत को बुलाने चली थी ।

अपनी हालात को देख कर ,
मौत भी पछताई सामने खड़ी थी ।

क्या करें इस सांसो का ,अभी
कुछ आनी जानी जारी हैं ।

देखते हैं अपनी किस्मत की ,
शायद अभी कोई कहानी बाकी हैं ।

- नीलू सिंह



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18 HOURS AGO

नन्ही सी जिंदगी को बोझ से दबा दिया लोगो ने ,,अपने रिस्तो का गुलाम बनाया लोगो ने ,,इस जिंदगी को उंगली पे नचाना अपना ईमान बनाया लोगो ने ,,खुद के लिए मुझें कायर बनाया लोगो ने ,,बचपन में माँ से बिछड़ी ,,जवानी से पहले शादी हुई ,,दस भाई - बहनों में बड़ी बहू बन कर आई ,,अपमान ,तिरस्कार उपहार में पाई ,,अपनापन पाने को यहाँ अपना खुद को लुटाती रही,,एक बेबस जिंदगी जीती रही ,,
एक नॉकरी के बल पर ये जिंदगी कुर्बान हुई ,, और फिर भी एक निवाले को मोहताज हुई ,, स्त्री धन भी छीन ली गई ,,
बच्चों की जिंदगी भी बर्बाद हुई ,,अब कोई अपना यहाँ नही ,,कंधे थके हैं जिमेदारी के बोझ से ,,जिंदगी सदमे में पड़ी अपनों की उपेक्षा से ,,हर रिस्तो का परित्याग करती हूं ,,आज मौत से सगाई करती हूं ,,भरोसे का खून होते देखी हूं ,,कैसे कोई बर्बाद होता हैं,,अपनी बर्बादी खुद की आँखों से देखी हूं,,

- नीलू सिंह

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22 HOURS AGO

वक्त से हारकर कौन नही टूटा हैं यहाँ
बिखर कर दीवारों से लग कर रोया है यहाँ
बड़ा जादूगर हैं वक्त यहाँ
सब पे मंत्र चलाया है यहाँ
पल में हस्ती मिटाया है यहाँ
रंक से राजा बनाया है यहाँ
वक्त को सब भूले पड़े है यहाँ
ये सब के ऊपर बैठा हुआ है यहाँ
कोई नही बच पाया इससे यहाँ
सब पे अधिकार जमाया है यहाँ
वक्त से बड़ा कोई नही है यहाँ
ये सबका हिसाब रखता है यहाँ

- नीलू सिंह

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22 HOURS AGO

यादों को समेटकर हमनें ,,
खूबसूरत सा अलबम बनाया था ।।

तुम्हारे हुनर ने ही उसमें ,,
धधकता सा चिंगारी लगाया था ।।

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23 HOURS AGO

प्यार का रिश्ता आसान बहुत लगता हैं
निभाने में कई कुर्बानियां देनी होती हैं

जिस्म कहि और जान कहि और होती हैं
जान को हथेली पे रख कर चलनी होती हैं

इतने पर भी प्यार मिल जाए ये नही होता
इंतजार और तन्हाई में उम्र बितानी होती हैं

एक कसम के लिए रस्मों को तोड़ना पड़ता हैं, फिर ज़माने के दस्तूरों में दम तोड़नी होती हैं

प्यार ने मरना बहुत आसान होता हैं, पर
जिंदा रह कर निभानी आसान नही होती हैं

- नीलू सिंह


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23 HOURS AGO

दिल की बातें दिल तक रहने दिए होते ,तो
सब बिखरा न होता कुछ अरमान तो होते

ऐ दिल यू लाचार व बेबस न होता
और जिंदगी के यू बूरे अंजाम न होते

तुम्हारा तो कुछ गया और मेरा सबकुछ
उस जिद्द की कीमत हम भी चुकाए न होते

दिल की बाते दिल तक रहने दीऐ होते,तो
हम ज़माने के यू सताए न होते ..

- नीलू सिंह








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