तुम पल पल मेरे संग हो पर ,
इन प्राकृत आंखों से ओझल हो ,
इन आंखों का भला क्या काम श्याम ,
जिसमें तुम ही नही समाते हो ,,
या तो तुम अपनी इन आंखों को वापस ले लो ,
या फिर ...
इन्हीं आंखों में तुम आके समा जाओ ,,
— नीलू सिंह
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शादी ब्याह के न्योता में अब का बा
अब त बस झूठों के न्योता के नाम बा !
अब व्हाट्सएप,मैसेंजर आउर सोशल
के ही बस नाम बा आउर का बा !
— नीलू सिंह
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हर वक्त हमें वक्त पीछे छोड़ता रहा,
जाने क्या हम में कमी रही !
हर वक्त इंतज़ार में जिंदगी गुजरती रही,
जाने किस की उम्मीद लगी रही !
समझ में आती नही हमें दुनिया के फलसफे,
कैसे ये हिसाब लगाती रही !
माना की मुझपे तुम्हारे उधार बाकी है,
बिछड़ती ये सांसे सारे क़र्ज़ उतारती रही !
नील" हम किसी और हाथों के कठपूतली नही,
शायद हमें तो बस क़िस्मत ही नचाती रही !
— नीलू सिंह
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अमेरिका 21वी सदी का सुपरपावर है ये हमें मंज़ूर नही ,,
जो बच्चों जैसी ज़िद्द का पावर इस्तेमाल कर के शांति का नोबेल पुरस्कार लेना चाहता है 🙂
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मोह और प्रेम दोनों अलग अलग विषय है।
दोनों से मिल कर ही जीवन पूर्ण होता है।
मोह में केवल दया होती है समर्पण नही,
वही प्रेम में दया संग पूर्ण समर्पण भी है।
मोह प्रत्येक विषय वस्तु से हो सकता है।
परन्तु प्रेम सबसे कभी नही हो सकता,
मोह और प्रेम देखने में एक जैसा है।
परन्तु दोनों कभी एक नही हो सकता है।-
अब हर एक अक्स मुझे सवालिया ही दिखता है
अपनी साख से इस क़दर मैं धूल में मिलाया गया हूं
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हमें मशहूर नही होना तुम्हारे इस ज़माने में।
हमें तो मशहूरियत चाहिए तुम्हारे चरणों में।
हमें क्या करना तुम्हारे इस शोहरत का।
हमें बस हो जाना है तुम्हारे ही घराने का।
— नीलू सिंह-
हर हाल में इक तेरे नाम की ही आश हो जाए
फ़िर इस जीवन की चाहे जब शाम हो जाए 😔
हर व्यक्ति वस्तु स्थान में ये नाम ही आम हो जाए
मेरी हर एक सांस में बस राधेश्याम हो जाए ❤️
— नीलू सिंह
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