Nilesh Shukla   (nilesh)
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True love exists.
Joined 8 January 2022


True love exists.
Joined 8 January 2022
18 APR 2023 AT 12:38

I am now freeing myself from everything, I just want to be alone and alone. I do not even want to talk anything about this. I just want peace that's it.

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20 DEC 2022 AT 7:34

Peace is necessary for life and if the heart and soul is in the condition of calmness then the faith of god and the peace both resides truly.

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19 DEC 2022 AT 9:30

Never regret that you are a good person because most of the time many of them lose a good person because of their ego and attitude. That's the reason I am proud of myself as I don't have that ego and attitude. And the blessings of Parabrahm Shri Krishna makes me stronger from inside.

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18 DEC 2022 AT 16:18

Let us spread the knowledge of bhagavad gita to everyone. I have decided to surrender my life to Parabrahma Shri Krishna so that my soul could reach Parabrahma Shri Krishna. I have learned that we must sacrifice our life to Parabrahma Shri Krishna so as to attain knowledge and moksha. We must become so stiff that no one can win us and ask the boon from Shri Krishna that we can create a self power system which always works according to our powers. My life, heart and soul everything is yours Parabrahma Shri Krishna. Do whatever you want to do with me, I bow down my head in front of you and Pranaamam,O!Parabrahma Shri Krishna.

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16 DEC 2022 AT 7:43

सूर्य आप के कितने ही रूप,
परम् शक्ति के दृढ़ रूप को,
यूँ चलाया करते हो,
हर एक प्रश्न के उत्तर को,
आप यूँ समझाया करते हो,
आप शक्ति के विस्तार रूप,
हो कालखंड के अनंत रूप,
अपार बुद्धि के रूप आप,
यूँ सब मे बस कर,
ज्योति जगाया करते हो,
आप सत्य सम्हाला करते हो,
खुद को जलाकर सबको,
सुख पहुचाया करते हो,
मैं भी हूँ आप की ही तरह,
खुद को रमाकर शंख सा,
मैं हर पल खुद में मरता हूँ,
बस आप की ध्वनि ओम को सुन,
फिर स्फूर्ति ले आया करता हूँ,
हे शक्ति पुंज,हे सूर्य रूप,हे शक्ति अनंत,
आप मुझमे भी समा जाना,
और फिर दे जाना मुझे अपनी भक्ति अनंत ।

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15 DEC 2022 AT 21:45

गज़ब की बात है तुम मुझे थोड़ा थोड़ा और धीरे धीरे तोड़ रही हो, आखिर वही हुआ जो मैनें सपना देखा था । तुम्हारे पास अधिकार है और तुम अच्छी तरह से उसका प्रयोग कर रही हो, लेकिन मैं तुमसे कहना चाहता हूँ कि यूँ धीरे धीरे दिल मत तोड़ो, अगर तोड़ना ही है तो झटके से दिल तोड़ो । खैर तुमने कोई उत्तर न देकर मुझे broken heart बना ही दिया । मेरी आंखे भीग रही है । मैं सिर्फ यही कहूंगा कि तुम खुश रहना, तुम्हारी खुशी मुझे भी खुशी देगी । और बहुत कुछ कहना है पर अब लिखा नही जा रहा ।

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14 DEC 2022 AT 23:15

कल का दिन बहुत महत्वपूर्ण होने को है, और कल ही अंतिम क्षणों तक पहुंचना है । भगवान ने क्या लिखा है वो तो अभी भविष्य के उस पार है । बस अपने दिल को मजबूत करके बैठा हूँ । और फिर जो सपना देखा था उसपर भी ध्यान जा रहा है । और अपने दिल पे हाथ रखकर बैठा हूँ और सोच रहा हूँ कि धीरे धीरे मैं अंतिम क्षणों की ओर बढ़ रहा हूँ ।
दर्द के महफ़िल में फिर पहुंचना होगा,
सुनकर उससे बातें खुद को मजबूत करना होगा,
दबी पड़ी कई एहसासों का बयान देना होगा,
कुछ दिल मे पड़ी बातों का अनुमान समझना होगा,
टूटना कौन चाहता है पर फिर भी कुछ बातें होगी,
कहना होगा और सुनना होगा विशाल दीवारों जैसी,
और फिर इतनी विशाल दीवारों की चट्टानों को भी खिसकना होगा ।

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14 DEC 2022 AT 7:29

महाभारत में जो भगवान श्री कृष्ण ने जो शांति प्रस्ताव लाया था मैंने भी कल कुछ ऐसा ही किया था बस थोड़ा अंतर किया था मैंने , वैसे फर्क सिर्फ इतना था कि महाभारत में धर्म और अधर्म की बात थी और यहां प्रेम की बात है । मुझे ये देखना था कि अगर मैं ऐसा करता हूँ तो क्या होगा । वैसे मैनें कहा था न कि मैं जानता हूं कि क्या होगा बस बिल्कुल वैसा ही हो रहा है । बस आज का एक दिन रह गया है और मेरे भीतर भी युद्ध चल रहा है । मैनें अपने दिल को और मजबूत कर लिया है क्योंकि जो मैंने स्वप्न देखा था वही सच हो रहा है । मेरे भीतर कितना दुख है वो ये नही देख पाएगी ।
और कितनी क्षति होगी,
और मेरा ये दिल कितना टूटेगा ।
मुझ में एक रोशनी तो है,
पर गुज़रेगा वो अंधेरे से होकर ।
इतना दर्द सहन करना कोई कम नहीं,
मर जाना और मरने के बाद जी उठना,
एक प्रश्न के बदले उसका प्रतिउत्तर भी नहीं ।

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13 DEC 2022 AT 7:14

जानता तो मैं भी हूँ,
की होना क्या है,
फिर भी अंतिम क्षणों में,
मरकर जी उठना चाहता हूं,
मेरे अपने दिल के भीतर समाय,
इस दुख के सागर से लड़ लेना चाहता हूं ।

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12 DEC 2022 AT 21:13

गुरुवार एक बहुत ही अच्छा दिन है क्योंकि वो परब्रह्म श्री विष्णु भगवान का दिन है इसलिए मैंने तय किया है कि एक बार फिर मैं प्रयास करूंगा क्योंकि अगर तुमसे टूटना लिखा होगा तो वही होगा और यदि जुड़ना होगा तो हम दोनों एक बार फिर मिल जाएंगे । मेरे पास तुम्हारा वही पुराना नंबर है तो मैं उसी नंबर पर प्रयास करूँगा । बाकी मुझे यही एक मार्ग सुझा तो मैं अपना प्रयास करूंगा । बाकी सबकुछ परब्रह्म श्री कृष्ण भगवान के ऊपर । मैनें अपने आप को मजबूत कर लिया है क्योंकि दिल को सम्हालना भी थोड़ा मुश्किल होगा फिर भी मैं अब तैयार हूँ ।
ये मुश्किल सी राहें,
अब कहाँ ले जाएंगी,
देखना यही है,
फिर भी ये दिल,
तुझ में ही है,
और तेरे लिए ही है ।

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