Nilesh Sharma   (Nilesh Sharma)
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Joined 4 August 2018


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Joined 4 August 2018
23 FEB 2024 AT 14:52



होठों को चूम लूं तेरे और आंखों में बस जाऊं ।
सांसों में समा जाऊं तेरी और धड़कन मैं बन जाऊं ।
तुम ही हो अब आरज़ू मेरी और तुम ही मेरी दुआ हो ।
तुमसे मिल कर जग पाया मैंने, अब तुम ही मेरा जहां हो ।
तुमसे मिल कर जग पाया मैंने, अब तुम ही मेरा जहां हो ।

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13 FEB 2024 AT 0:26

हाथों में तेरा हाथ हो, जीवन भर का अपना साथ हो।
बातों और मुलाकातों संग, कुछ दिन भी हो और रात भी हो।
प्यार भी हो टकरार भी हो, नवरस का हर श्रृंगार भी हो।
सुख दुख के भंवर में रानी, सदा ही नैया अपनी पार हो।
ऐसा हो कुछ अपना मिलन, के दूर होके भी हम पास हों।
ऐसा हो कुछ अपना मिलन, के दूर होके भी हम पास हों।

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24 JAN 2024 AT 8:39

मिलने की तुझसे चाह भी है, साथ चलने को राह भी है,
आ थाम के हाथ हाथों में, खो जाए हम एक दूजे की निगाहों में,
होठों को होठों से मिलने दें, दिल की धड़कन को भी बढ़ने दें, 
एक दूजे में कुछ ऐसा रम जाएं, चाह के भी हम बिछड़ ना पाएँ।

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17 JAN 2024 AT 20:30

तुमसे होगी यूं मुलाकात ये कभी सोचा था नहीं,

जाना था कहीं और पर मेरी तुमपे नजर थमी।

बातें हुईं कई मजेदार और कुछ यादें भी बनी,

कुछ तुमने किस्से सुनाए कुछ हमने भी कही।

देखते हैं फिर तुमसे मिलना होगा भी या नहीं,

ये सिलसिला और बढ़ेगा या रुक जाएगा ये यहीं।

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7 JAN 2024 AT 23:41

Jo mera nahin hai,
Woh lakh chahun rukega nahi,
Aur Jo hai,
Woh chahe jo ho jaye chutega nahi

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1 JAN 2024 AT 12:37

New year, New Vision, New hopes, New mission, New goals and commitments,
May this new year bring, All and the best allowances. Wishing everyone....
A very HAPPY, HEALTHY & WEALTHY YEAR.

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25 NOV 2023 AT 14:43

Jiski talaash mein main hoon woh bhi mujhse mil paaye,
Baatein ho nazron hi nazron mein aur mannke taar bhi jud jaayein,
Naata bane kuch aisa ke jeevan aur nikhar jaaye, 
Woh mujhme aur main usme sada sada ke liye gum ho jaayein.


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1 AUG 2023 AT 16:44

प्रेम है तो भय कैसा, प्रेम है तो संदेह कैसा?
प्रेम है तो चिंता कैसी, प्रेम है तो पीढ़ा कैसी?
प्रेम है तो व्यवहार क्यों, प्रेम है तो बंधन क्यों?
प्रेम है अगर तो शब्दों का क्या काम?
प्रेम में ही तो बस्ते हैं राधा और श्याम

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25 JUL 2023 AT 20:50

प्रेम करना कौन नहीं चाहता,
क्यों सबको प्रेम नहीं आता।

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4 JUL 2023 AT 4:23

फिर कुछ नया सीखने की चाह जगी है,
कुछ और करने को एक नई राह मिली है।
हूं zero जिस विषय में आज उसमे वर्चस्व बढ़ाना है,
ठान लिया है ये मैने अब बस तन मन से जुट जाना है,
हूं zero जिस विषय में आज उसमे नंबर १ पे आना है।

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