यूं मिलना हमारा महज़ कोई इत्तेफ़ाक ही नहीं था,
कुछ था हमारा नसीब का लिखा, कुछ तो हमें दूआओं से मिला,
हर जनम मुझे जो तू ही मिला।
साथ चलना हमारा, यूं साथ निभाना तुम्हारा, कोई ताज्जुब भी नहीं था,
कुछ था करम हमारा किया, कुछ तो हमें वफाओं से मिला,
हर जनम तुझे जो मैं जो मिला।-
तेरी रहमतों की आस लगाए यूं कब तक इबादत करता रहूं, ना जाने,
डूब जाने को तेरे दरिया के सायें यूं कब तलक सजदा करता रहूं, ना जाने।-
यूं मुझे मेरे शब्दों से ना आंके,
मैं खुद से ज्यादा दुनिया को जिया हूं।-
यूं हर्फ-हर्फ ना आंके हयात हमारी,
तजुर्बे से भरी है शक्सियत सारी।
कुछ है हमारी बीती, बाकी जमाने की कहानी,
हर किसी की बयां यहां, हाल-ऐ-दिल, जिंदगानी,
कुछ करम है खुद ही का, बाकी खुदा की मेहरबानी,
हर खयाल है जीता जागता, हर बात में है रवानी,
यूं हर्फ-हर्फ ना आंके हयात हमारी,
तजुर्बे से भरी है शक्सियत सारी,-
सोचा होगा कुछ तो सवेरा रब ने मेरा भी 'शायद',
या रात ही किस्मत में लिखी है, नाचीज़ को बनाने 'शायर'।-
बस गया है तू मेरी रूह में भी कुछ इस कदर,
की करूं भी बयां मैं कुछ अगर, तो आता है तू ही नजर।-
Loki kehnde saanu pagal, te asi pagal hi sahi,
Bin barse gujar jaaye, asi o badal vi nahi,
O samjhe saanu, saadi khamosi vich,
Te baat ho, Te ishq ho, varna!
Asi yun garaj ke ehsaaz karane walo me se nahi,
लोकी केहंदे सानू पागल, ते असी पागल ही सही,
इश्क करके मुकर जाएं, असी ओ कायर वी नहीं।
-
तुम्हें सोच रहा हूं मैं हरपल,
तुम्हें चाह रहा हूं मैं हरदम,
तुम्हें देख रहा हूं मैं हर नजर,
तुम्हें महसूस कर रहा हूं मैं हर पहर,
ख़्याल ये तुम्हारा मुझमें गुल गया है इस कदर,
की हक़ीक़त से वाक़िफ होना अब बनता ही नहीं,
नींद भी तुम्हारी सोया हूं मैं, की दिन हो या रात,
जागना तो अब बनता ही नहीं,
नाम तुम्हारा जुबां पर,
चेहरा निगाहों में और तुम मेरी बाहों में,
कुछ यूं रूबरू तुम मेरे रहो, की फिर कोई आरज़ू ना रहे,
ये रंग यूंही जमा रहे, ये समा यूंही बना रहे,
सुबह हो या शाम या दिन या रात, हर वक्त, हरपल, हरदम,
हमदम, साथ तुम्हारा बना रहे।-
हमने ही दी मंजूरी हर एक सितम की हम पर,
हर खता ये आपकी, हमारी रज़ा से थी,
वरना, क्या मजाल किसी की,
के रूबरू यूं हमारे, कोई, गुनाह, सोच भी ले।-