nilesh jain   (nilesh jain)
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"Tu Zameen Si" My first original music video as Lyricist, Watch and listen it on YouTube.
Joined 11 August 2020


"Tu Zameen Si" My first original music video as Lyricist, Watch and listen it on YouTube.
Joined 11 August 2020
9 DEC 2021 AT 20:08

यूं मिलना हमारा महज़ कोई इत्तेफ़ाक ही नहीं था,
कुछ था हमारा नसीब का लिखा, कुछ तो हमें दूआओं से मिला,
हर जनम मुझे जो तू ही मिला।

साथ चलना हमारा, यूं साथ निभाना तुम्हारा, कोई ताज्जुब भी नहीं था,
कुछ था करम हमारा किया, कुछ तो हमें वफाओं से मिला,
हर जनम तुझे जो मैं जो मिला।

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8 DEC 2021 AT 17:56

तेरी रहमतों की आस लगाए यूं कब तक इबादत करता रहूं, ना जाने,
डूब जाने को तेरे दरिया के सायें यूं कब तलक सजदा करता रहूं, ना जाने।

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5 DEC 2021 AT 18:05

यूं मुझे मेरे शब्दों से ना आंके,
मैं खुद से ज्यादा दुनिया को जिया हूं।

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5 DEC 2021 AT 15:39

यूं हर्फ-हर्फ ना आंके हयात हमारी,
तजुर्बे से भरी है शक्सियत सारी।

कुछ है हमारी बीती, बाकी जमाने की कहानी,
हर किसी की बयां यहां, हाल-ऐ-दिल, जिंदगानी,
कुछ करम है खुद ही का, बाकी खुदा की मेहरबानी,
हर खयाल है जीता जागता, हर बात में है रवानी,

यूं हर्फ-हर्फ ना आंके हयात हमारी,
तजुर्बे से भरी है शक्सियत सारी,

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3 DEC 2021 AT 19:13

सोचा होगा कुछ तो सवेरा रब ने मेरा भी 'शायद',
या रात ही किस्मत में लिखी है, नाचीज़ को बनाने 'शायर'।

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3 DEC 2021 AT 18:25

बस गया है तू मेरी रूह में भी कुछ इस कदर,
की करूं भी बयां मैं कुछ अगर, तो आता है तू ही नजर।

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3 DEC 2021 AT 11:32

Loki kehnde saanu pagal, te asi pagal hi sahi,
Bin barse gujar jaaye, asi o badal vi nahi,

O samjhe saanu, saadi khamosi vich,
Te baat ho, Te ishq ho, varna!
Asi yun garaj ke ehsaaz karane walo me se nahi,

लोकी केहंदे सानू पागल, ते असी पागल ही सही,
इश्क करके मुकर जाएं, असी ओ कायर वी नहीं।

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3 DEC 2021 AT 10:27

बगैर किसी कसूर, गिरफ्तार हो गए
जो चुप रह गए तो गुनहगार हो गए।

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4 OCT 2021 AT 12:02

तुम्हें सोच रहा हूं मैं हरपल,
तुम्हें चाह रहा हूं मैं हरदम,
तुम्हें देख रहा हूं मैं हर नजर,
तुम्हें महसूस कर रहा हूं मैं हर पहर,

ख़्याल ये तुम्हारा मुझमें गुल गया है इस कदर,
की हक़ीक़त से वाक़िफ होना अब बनता ही नहीं,
नींद भी तुम्हारी सोया हूं मैं, की दिन हो या रात,
जागना तो अब बनता ही नहीं,

नाम तुम्हारा जुबां पर,
चेहरा निगाहों में और तुम मेरी बाहों में,

कुछ यूं रूबरू तुम मेरे रहो, की फिर कोई आरज़ू ना रहे,

ये रंग यूंही जमा रहे, ये समा यूंही बना रहे,
सुबह हो या शाम या दिन या रात, हर वक्त, हरपल, हरदम,
हमदम, साथ तुम्हारा बना रहे।

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15 SEP 2021 AT 17:27

हमने ही दी मंजूरी हर एक सितम की हम पर,
हर खता ये आपकी, हमारी रज़ा से थी,

वरना, क्या मजाल किसी की,
के रूबरू यूं हमारे, कोई, गुनाह, सोच भी ले।

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