पुन्हा नवी सुरुवात करू
छळले आहे गत काळाने जाणून आहे मी
इसरून साऱ्या गतकाळाला भविष्याची बात करू
चल पुन्हा नवी सुरुवात करू
लाख असेल कैदेत स्वप्ने
असतील बेड्या अडचणींच्या
त्यावर मेहनतीचा आघात करू
चल पुन्हा नवी सुरुवात करू
ताठ असेल गुर्मीचा बाणा
झुकवतील शरमेने माना
अशी आपली औकात करू
चल पुन्हा नवी सुरुवात करू
पुन्हा नवी सुरुवात करू
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।क्षत्रिय।
बिछे जो तेरी राह में
वो बेबसी के शुल हें
न डर किसीको अंत तक
ये दुश्मनों कि भुल हैं
कदम कदम रूकाएगा
जो डर तुम्हारा आज हे
न डर किसीको अंत तक
ये युद्ध का आगाज़ हैं
डगर डगर मिलेगी तुझको
रावणो कि बस्तीयां
मचा दे तांडव मिला दें
ख़ाक में वो हस्तीयां
तु दे धड़क उठा खड्ग
तु क्षत्रियोका अंश हैं
तु लड़ झगड़ उड़ा दे सर
तु क्षत्रियोका अंश हैं
तु क्षत्रियोका अंश हैं
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चांद को देख के उसने यूंही वक्त जाया किया
उसको अपना कहके मुझ को पराया किया-
ए जिंदगी मै कम नसीब हु जानता हू मै ।
पर तुझको तुझसे ज्यादा पहचानता हू मै।
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गुनहा
बस यही गुनहा बार बार किये जा रहा हू
दम-ब-दम मरते हुए जिये जा रहा हू।
सूखने लगे है अबतो आँख के आँसू
बडे अदब से आँसू पिये जा रहा हू ।
अगर नाम हो मेरा कोई तो बतादो मुझे
नाम अपना गुमनाम दिये जा रहा हू।
मय-कदे मे मिलता है सुकुन-ए-दिल
जाम पे जाम पिये जा रहा हू ।
किसको मिलता है मुकम्मल जहाँ
जो भी मिला जीये जा रहा हू ।
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एक उम्र गुजरी है उसे भुलानेमे।
उसने कोई कसर ना की सितम आजमानेमे।-
गालावर तुझ्या जी खळी पडते
मन माझ वेड त्याला बळी पडते
झोपू कसा सुखाने
स्वप्ने तुझीच हल्ली वेळी अवेळी पडते
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