मैं भी चुप चाप करता जाता हूँ
काम जो ज़िन्दगी कराती है।
मेरे कमरे में रोज़ मायूसी
रक़्स करती है गीत गाती है।-
Nilesh Barai
(निलेश बरई (नवाज़िश))
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1.Nation First 🇮🇳🇮🇳
2. सुख़न
2. सुख़न
Joined 22 July 2018
11 JAN AT 18:15
10 NOV 2022 AT 23:08
काम मुश्किल है फिर भी करना है
अपने साए में रंग भरना है।
वो मिरे आँसुओं से झरता था
आपके वाँ जो एक झरना है।
ऐसे दरिया का हूँ मैं रेत महल
जिसको बस टूट कर बिखरना है।-
28 AUG 2021 AT 22:42
खड़े हैं लोग याँ बेताब देखने के लिए
जहान-ए-इश्क़ तिरा ताब देखने के लिए।
वो इक नज़र के जिसे देख मैं हुआ ताज़ा
उसी नज़र को है आदाब देखने के लिए।
बिछड़ते वक़्त कहा मैंने कुछ हसीं दे तो
"मुझे वो दे गया इक ख़्वाब देखने के लिए।"
तेरी गली से निकाले हुए ये पूछते हैं
किधर को जाएँगे महताब देखने के लिए।
उजड़ते शहर की ख़ामोशी कह रही है की
जिगर-ख़ूँ चाहिए सैलाब देखने के लिए।-