आचार विचार करिए शुद्ध,आता इनसे ही संस्कार।है जीवन का आधार ये,देते गुणों को निखार।। - निलम
आचार विचार करिए शुद्ध,आता इनसे ही संस्कार।है जीवन का आधार ये,देते गुणों को निखार।।
- निलम