काश हर सुबह नवरात्रि सी होती देवी हमारे घर ।
उसके जिस्म पे नजर ना रख उसकी पूजा होती ।
चरित्र पे दाग ना लगा
उसके माथे पे टीका लगाते ।
उसका दुपट्टा ना छीन उसे चुनरी उडाते ।
उसे बदनाम ना कर
उसके सामने हाथ जोड़ खडे होते ।
उसे समाज ने ना नोच ,
उसका जिस्म देवी सा होने देते ।
काश हर सुबह नवरात्रि सी होती
देवी हमारे घर होती ।
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ना कर खुद कि तुलना कीसी से ।
कोई ना है तुझसा इस जहां में... read more
प्रेम में किया भरोसा कीसी "इबादत" से कम नहीं
चाहे "प्रेम" में भक्ति हो या , "भक्ति" में प्रेम हो ,
हर रिश्ते की "नीव" भरोसा है ।
मगर इस कलियुग में , लोगों का
भरोसा तोड़ देना जादा "आरामदायक" है ।
इस छलावे भरी दुनिया में लोग "वफादार" बन ,
बिन "माया" के ही माया दिखाते हैं ।
यहाँ खुशियाँ धुडते है ये लोग उस राह में ,
जीस राह को अपनी ही राह का पता नहीं ।
"संतुष्टि" नहीं कीसी खुशियों की
अपने रब पे भरोसा ना रख उसे ही बुरा बताते हैं।
यहाँ लोग अपने "जज्बातो" को बतलाने को ,
इस फ़रेबी दुनिया में वफादारी तलाशते है ।
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दोस्ती से इश्क़ कर
अपनी किस्मत ना आजमाना,
टुटे हुए दिल से जादा
टूटी हुई दोस्ती जादा दर्द देती हैं ।।_-
आज फिर वो शाम आई ,
आज फिर वो बहार आई
जो तुम्हारी यादें ले आई ।
लाख कोशिश की इस दिल को बहलाने की ,
मगर ये सिर्फ तुम्हारी यादों में तडपना चाहा ।
मेरे आंसू के हर कतरे ने बस तुझे पुकारा है ,
जिन्हें तुने फ़रेब कह नजरअंदाज किया है ।
लबों पे चुपी साधी है तेरे बिछड़ने की ,
दिल ने शोर मचाया है तेरी मोहब्बत का ।
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प्रेम हो , प्यार हो , इश्क़ हो , चाहे मोहब्बत हो
जब शब्द ही अधूरे तो
मोहब्बत पुरी हो इसकी आश क्यो लगाना है ।
जो तलब अधुरी मोहब्बत में है ,
वो तलब पुरी हो जाने में कहा ।।
कीमत भी तो उसीकी जो मिला नहीं
जो मील जाए उसकी कीमत कहा ।।
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