Aae anjane humsafar, tu bhi nikal pad safar me
Ke koi nikla hai apne humsafar ko dhundhne safar me-
Wahi diary me hai
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कश्मकश में छोड़ गया मुझे वो शख्स
जिसके साथ मैने जिंदगी बिताने का इरादा कर लिया था-
सोचा था कि उसके अलावा किसी से भी दिल नही लगाएंगे
उसके जैसी सकसियत दिखी उनमें और हम फिर दिल हार बैठे-
बड़ी दुविधा रहती है उनकी गलियों से गुजरते वक्त ए गालिब
अब देखकर रास्ते पे चलूं, या उनकी खिड़की देखते हुए चलूं समझ नही आता-
ख्वाइश बस उनके साथ इस बारिश में एक कप चाय पीने की थी
पर उनका इस बारिश में मेरे साथ भीगना कहर ढा गया-
आज एक बार फिर पेट दुख रहा है करके school नहीं जाने के बहाने करूंगा
तुम, सब जानती हु तेरे बहाने कहके school भेज दोगी क्या
मां मेरी geometry बॉक्स नही मिल रही है,
तुम जादूगरनी की तरह उसे फिर से ढूंढ दोगी क्या
आज फिर एक बार सर पर तेल लगाके कंघी कर दोगी क्या
और कपड़े जल्दी छोटे न पड़े, इसीलिए एक साइज बड़े खरीद दोगी क्या
फिर एक बार PTM में, मेरी शिकायत टीचर से कर दोगी क्या
आज फिर से वही लोकी टिंडे बने है, नही खाना मुझे ये कहूंगा
तुम बेलन दिखाकर फिर से खिला दोगी क्या
और जो में सुबह जल्दी न उठू, तो पंखा बंद कर दोगी क्या
आज फिर से चोट लगा लू, तो दीवाल को मारकर मुझे चुप करा दोगी क्या
एक बार फिर मार्क्स खराब लाऊ, तो पापा की डांट से बचा लेगी क्या
मां आज फिर एक बार, मुझे वही छोटा बच्चा बना डोगी क्या♥️-
एक तो ये शाम नशीली
ऊपर से इन हाथो में तेरा हाथ
वक्त से बस यही है गुजारिश
की रूठ जाए इस रात से आज-
हजारों दफे फिरसे सोया हू, उन ख्वाबों को पूरा करने को
तुम मिली हो जिन ख्वाबों में
सपनो में भी तुमसे अधूरी मुलाकात बर्दाश्त नही हमे-
Koi zindagi saral, to koi kathin prashno ke hal mangta hai
Mera dil to bas kathinaiyo me sir par pitaji ka haath mangta hai
Jab bhi khud ke astitva ko sawaalon ke gherav me pata hai
Mera dil bas maa ki goud me sir rakh ke sone ko chahta hai
Aazmane lage jab zamana apne takato ko mere upar
Mera dil tab apne bhai ki takaat dikhane ko karta hai
Aur jo baat manwani ho apne bhai se koi
To bhabhi se maska lagwake manwane ko jee chahta hai
Pasand aa jae in nazaro ko koi
Toh ussey apne dosto se bhabhi kehelwane ka jee chahta hai
Aur jo tod jae kabhi dil mera
to behen se sab kehne ka jee chahta hai
Jab bhi ladkhada jaata hu apni raaston se main
Sabhi rishtey jo sahi kare mujhe
un sab rishton ko kareeb chahta hai
Paise ki amiri mile na mile
Bas ye dil rishton me ameer hona chahta hai........-