Ñikki   (निकेता तुरी)
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Joined 7 June 2018


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8 DEC 2022 AT 19:26

सोंप दिया था ख़ुद को यहां उन्होंने,
याद रखा आज उनको यहां किन्होंने,
क्यों भूल जाते है लोग देश के उनको,
कर दिया सब कुर्बान देश को जिन्होंने...

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26 SEP 2022 AT 23:54

ज़िंदगी में सब कुछ छूटता जाता दिख रहा.......
ए दोस्त,
तुम.....
रुकोगे ना ?
ठहरोगे ना ?
समजोगे ना ?

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25 SEP 2022 AT 11:04

શીખો
હારો
પડો
ઊઠો
પછી
ચાલો
પણ
ચાલો
🌺

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24 SEP 2022 AT 16:20

Common can come on knees but
REBEL ? ❌

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24 SEP 2022 AT 16:08

Common can come on knees but
REBEL ? ❌

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24 SEP 2022 AT 9:17

Mentality matters.....

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23 SEP 2022 AT 18:48

Short Story
ज़िंदगी हवा से – हम तो ठेस लगने पर भी रुक जाते है,
हंमेशां चलती रहती हो, कभी किसी से टक्कर नहीं होती ?

हवा – टकराती तो मैं भी हूं कई पत्थर, पहाड़ों से लेकिन थम जाऊ तो ? सोचो...............

(किसी भी परिस्थिति में चलते रहना कुदरत सिखाती है।)

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20 SEP 2022 AT 8:37

आंखों में नींद बहुत है,
पर सोना नहीं है।
यहीं समय है दोस्त,
जिसे खोना नहीं है।

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15 SEP 2022 AT 22:45

No one can kill.......
Except Expectations....

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14 SEP 2022 AT 8:51

धन से अन्न,
अन्न से तन,
तन से मन...

इसलिए धन शुद्ध होना जरूरी है।

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