जीवन में उजालों को भर देती हैं पर कभी क्रेडिट नहीं लेती हैं
आज सत्ता से लेकर मातृत्व का पद ,सब कुछ ही संभाल रही हैं
गिरने न देंगी, ऐसी शिला हैं वो, जाने कितने जीवन की उम्मीद,उनकी संजीवनी , उनकी ढाल रही हैं
आज बाहरी सौन्दर्य से ज्यादा, अदंरूनी क्षमताओं से
हर संभव सब कुछ कर देती हैं
बेटियां ही तो हैं, जीवन में रंग
रंगत भर देती हैं।।
Happy daughters day .
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जन्म भूमि - सागर
कृष्ण भक्त 😌🙏
अभी कुछ समय (8 वर्ष) से इंदौर (एक अद्भुत ... read more
धूमिल होती तस्वीरों में
जो शब्दों से जीवन भर दें
तुम्हारे अंतर्मन की निशा में जो
कुछ पल जुगनू सा रोशन कर दे
काफिले से अलग
जो तुम्हें सोच का ठहराव दे
इस आक्रोशित संवादों की दुनिया में
जो तुम्हें सरल सहज सा स्वभाव दे
चलते चलते बिखरो न तुम
ऐसा साहस तुमको दे जाती
शब्दों से कहें बिना
लिखी कलमें सब कह जाती
जैसे जीवन रूपी ज्ञान समाहित
करती भगवदगीता है
वैसे ही कला की दुनिया में
होती सुंदर " कविता" है।।
#worldpoetryday😌-
ठंडी हवा सी थपथपी
बहते पानी सी मुस्कान
सुगंधित फूलों सी सुबह
तिलमिलाती गर्मी सा जीवन
और उसमें किसी
बरगद के पेड़ सी छांव
खिलखिलाता मन का आंगन
जैसे त्योहारों में होता गांव
अंदर के सारे द्वन्दों में
जब मने शीतलता
की होली
ऐसे ही सबकी भगवन
भर दो सारी झोली
दिल से फिर निकलेगी सबकी
हैप्पी हैप्पी होली।।
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तिजोरियों में संभाल कर
रख रहे हैं हाल ए किस्से कहानियां
क्या पता कौनसा दर्द कब
मर्ज ए दवा बन जाये ।-
नया साल ,नया सफर ,नये हम....
हां ,बीत गया साल और नया आने को है
कुछ खोया होगा सबने कुछ नया पाने को है
कभी रातें गहरी भी हुई होंगी कभी सुबह खिलखिलायी होगी
कभी दो पल का सूकून भी होगा कभी कहानी मुरझाईं होंगी
कभी काफिला देखा होगा कभी अश्रु की पीर बहाई होगी
कोई ख्वाहिश आपबीती कहानी का बस्ता लिए
कितनी राहें तुम्हें सताई होंगी
जब जब महसूस हुआ होगा कि कितनी बेरूखी है जिंदगी
अपने मन को हल्की हल्की सी उम्मीद तुमने जताई तो होगी
लक्ष्य सफर दफ्तर रिश्ते संसार, जो भी कुछ है
हर दिन चलते रहने की उम्मीद तुमने दिखाई तो होगी
यकीनन दोस्तों बहुत कुछ सीखा बहुत कुछ जाना
तस्वीरों और तुलना की दुनिया से परे है जिंदगी
भलीभांति पहचाना
सबके हालात और जज्बात अलग हैं,सबके किस्से कहानियां अलग हैं पर
आहिस्ता आहिस्ता ही सही तुम चलो अगले वर्ष भी चलते रहो
हर साल थोड़ी और हिम्मत के साथ,हर साल कुछ बेहतर करने के साथ ,तुम चलो बस चलते रहो
खुशी मायूसी चाहे जैसे भी बिखेरे रंग ये जिंदगी
तुम जियो जीते रहो
बस चलो चलते रहो।।
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रहमत है उस खुदा की ,जो
इतना सबर और हिम्मत दी
हवाओं के डर से थम जाऊं
अब वो परिंदा नहीं हूं मैं।।-