Nikita Srivastava   (Nikita Srivastava)
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Joined 27 March 2018


Joined 27 March 2018
9 MAY 2023 AT 0:47

मोहोबत्त में बर्बाद नहीं हुए
तो क्या ख़ाक मजा है
इंतजार न हो ,प्यार का करार न हो
तो क्या ख़ाक मजा है
खोने का डर न हो, साथ होने की कदर न हो
तो क्या ख़ाक मज़ा है
दिलदार को पाने की चाहत सबको होती है
एक बार लुटकर तो देखो जनाब
मोहोब्त्त में बर्बाद होने का ही तो मज़ा है ।

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26 MAR 2023 AT 1:16

कुछ बातों को दिल में दफ़न करना ही बेहतर होता है जुबां तक आ जाए, तो टकराव के मुददे बनते हैं।

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20 MAR 2023 AT 23:52

Ha uske hone ka ehsaas mujhe hota hai
Wo aata hai jab bhi
Nazare meri uspr hoti hai
Khamosh mai hojaati hu
Dil dhadkta hai bht tez mera
Fir bhi usko keh nai paati hu
Usko dekhna uski baate sunna
Sab mjhe acha lgta hai
Ye kase ehsaas hai
Sab itna pyaara kyu lgta hai
Jee krta hai bol du usko apni Dil ki baat
Kuch sochkar ruk mai jaati hu
Darti hu is baat se
Sunkr meri Dil ki baate
Mujhse dur na wo hojaaye
Such hai ye ki
Wo mujhse baat nai krta
Nazare nai milaata
Lekin fir bhi
Uska aas paas hona hi
Mjhe acha lgta hai
Akele hote hue bhi
Ha uske hone ka ehsaas mujhe hota hai

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16 MAR 2023 AT 2:09

शिकवे बहुत हैं
किस किस को सुनाओगे,
और किसको जताओगे,
जज्बातों में हर रोज़ लहर उठेगी,
फिर एक दिन तूफान भी आएगा,
हर गिरते आंसू के साथ
शिकायतों को बहा ले जाएगा ।

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5 FEB 2023 AT 15:49

इतना प्यार हम को खुद से भी न था,
जितना वक्त ने हमे लफ्जों से मोहोबत करना सीखा दिया।
बैठे थे हम महफिल में सुनाएंगे आज उनको अपने लफ्ज़,
फिर वक्त ने हमे अकेला करके उन लफ्जों को पन्नो पर उतारना भी सीखा दिया।

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8 MAR 2022 AT 15:15

Leave people peacefully
Live your life peacefully

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1 OCT 2021 AT 13:14

लड़ मत तू वक्त से
थोड़ा भरोसा तो रख
बुरा वक्त ही तो है गुजर जाएगा ।

हसने दे लोगो को
तेरी कमजोरियों पर, बुरे हालातों पर
जलने वाले भी यही होंगे
जब उभर कर तू सामने आएगा ।

मत हारने दे खुद को
हर दिन होसोलो को बुलंद करने का प्रयास कर
आज लड़ाई तेरी खुद से है
जीतना तुझे अपने आपसे है
ज़िंदगी का पड़ाव है ये भी
बहुत कुछ तू सीख कर ही जायेगा ।

लड़ मत तू वक्त से
थोड़ा भरोसा तो रख
बुरा वक्त ही तो है गुजर जाएगा ।

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6 SEP 2021 AT 1:34

उन दिनों भी हर रात के बाद सुबह हुई
हर अंधेरा भी छटा
मेरी ज़िंदगी में उजाला तब हुआ
जब ख़ुद की सास पर मैंने फिर से जीना शुरू किया।

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4 SEP 2021 AT 23:50

पन्नों पर स्याही से सिर्फ शब्द नहीं
जज़्बात भी बया होते हैं।

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3 SEP 2021 AT 13:00

अजीब सा एहसास था
वक्त की नज़ाकत को मै समझ नही पा रहा था
न जाने क्यों मेरी बंद आंखों को देख हर कोई रो रहा था ।
जिनसे मुलाकाते कम होती थी
आज उनके चेहरे भी नजर आ रहे थे
दिल भारी है क्यों आज इनका मेरे लिए
मैं अपने सवालों में ही उलझा जा रहा था ।
मेरे अपने मुझे अपने कंधे पर उठा कर मुझे दुनिया दिखा रहे थे
लेकिन आज सिर्फ दुःख मुझे सता रहा था ।
हर एक लम्हे का एहसास मुझे तब हुआ
जब मेरे अपने मेरे शरीर को जलाने की तैयारी कर रहे थे
क्यों आज मैं अपनो के हाथों ही जलाया जा रहा था ।

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