आज़ादी अभी बाकी है
सड़कों पर गड्ढे हैं, सपनों पर धूल है,
नेताओं के वादों पर भरोसा मीठी भूल है।
रात में अकेले चलना, अब भी एक डर है,
महिला की सुरक्षा आज भी एक सफ़र है।
भ्रष्टाचार की बेल ने हर कोना जकड़ा है,
गरीब की थाली से रोज़ निवाला निकला है।
डिग्री लिए नौजवान कतार में हैं खडे
जैसे बंद हैं रोजगार की सब राहें
तिरंगे की शान है, पर मन में सवाल है,
क्या बस झंडा फहराना ही अब कमाल है?
जब तक हर पेट में रोटी, हर हाथ में काम नहीं,
जब तक बेटियों का सड़कों पर चलना भी आसान नहीं,
तब तक ये सच्ची आज़ादी का ऐलान नहीं।
हाँ, आज़ादी मिली थी, पर...
आज़ादी अभी बाकी है।
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एक ख़याल है
फिर किसी साहिल पे मिलेें
थोड़ा तुम चलो, थोड़ा हम चलें
एक ख़याल है
फिर किसी दिन, कॉफ़ी पे मिलेें
कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें
एक ख़याल है
मैं फिर कोई कविता लिखूं,
और तुम, उसे पढ़कर मुस्कुराओ
एक ख़याल है
तुम मुस्कुराओ
मैं फिर चीजें भुला जाऊं
एक ख़याल है
मेरे सभी ख़यालों को,
तुम फिर समझ जाओ
एक ख़याल है
तुम मेरे सामने बैठो
मैं फिर तुम्हारी आँखों में खो जाऊं
एक ख़याल है
फिर कभी, पहली बार, दोबारा मिलेें
मैं मुस्कुराऊं, और तुम भी मुस्कुराओ-
एक तेरा अंदाज़
एक तेरे अल्फाज़
एक तेरे माथे का तिल
एक तेरा बच्चे सा दिल
एक तेरा मुस्कुराना
मेरा सब कुछ भुला जाना
एक तेरी आँखों का जादू
असर करे हरदम बेकाबू
एक तेरी बुद्धि का आकर्षण
तेरी बातों से मन रोशन
एक तेरा यूं तकना
मेरे दिल में बसना
एक तेरे सपनों की बातें
एक तेरी यादों की रातें
तू हो मेरे साथ, तो सब है मुकम्मल
तेरे बिना ज़िन्दगी में अधूरा हर पल
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Mujhe tumse pyar hai
Kyuki tumhare paas hone se mere dar mera pata bhool jate hai
Mujhe tumse pyar hai
Kyuki tum meri har bechaini ka sukoon ho
Mujhe tumse pyar hai
Kyuki muskan banke tum mere chehre pe aate ho
Mujhe tumse pyar hai
Kyuki tum meri baatein bina bole samajh jate ho
Mujhe tumse pyar hai
Kyuki ghar se door tum mera ghar ho
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Thakan bhare jeevan mein
Ek nayi shuruaat ban ke aana
Mere sapno ka rang, har pal,
har kahani ka sath ban ke aana
Jise sochkar ye lab muskura uthe
Tum wahi mulakat ban ke aana
Bhulayi na ja sake jo
Chaudavi ki voh raat banke aana
Yeh duniya adhoori lagti h
Tum meri kainaat banke aana
Soone man k khandar me
Baaton ki barsaat ban ke aana
Jo kahi na jaye hothon se
Chhipi har voh baat ban ke aana
Meri kavitayein intezaar karti hai
Inka meetha sa tum jawab ban ke aana
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जबसे जाना
कि तुम्हारी पहली मोहब्बत चाय है
मैंने चाय से इश्क किया है
तुम्हारी मोहब्बत और चाय एक जैसे है
दोनो में नशा है
और धीरे-धीरे मुझे दोनो की आदत हो गई है
दोनो में मेरी जिंदगी है
बस फर्क इतना है
मोहब्बत मुझे ख्वाब दिखती है
और चाय मुझे नींद से उठाती है
और चाय के बारे में मुझे इतना पता है
कि मिठास कितनी रखनी है-
तुम्हारे साथ
जानती हूँ कि तुम अब नहीं हो
फिर भी मन में एक फाँस रह जाती है
तुम्हें सुनने की चुभन मन में होती है
तुम्हें देखने की एक आस रह जाती है
तुम्हारे साथ वक्त जीवन का सबसे अच्छा था
तुमसे मिलकर मुस्कुराना मेरा सच्चा था
वो लम्हे दिल में बसे हैं कुछ ऐसे
वो बीते पलों की याद रह जाती है
तुम्हारे साथ जो बातें कभी ख़त्म न होती थी
मन में हर वो बात रह जाती है
तुम्हें सोचकर जो रात बीती नींद बिन
आंसुओं से भीगी वो रात रह जाती है-
एकांत और भीड
एकांत में एक सहजता है
भीड अक्सर असहज कर जाती है
एकांत में खुद को महसूस कर पाती हूँ
भीड में कहीं खो सी जाती हूँ
सहभाग जरूरी विकास के लिए
एकांत जरूरी मानसिक स्वास्थ्य के लिए
एकांत और भीड में चुनाव नहीं कर पाती हूँ
भीड में खुद की तलाश होती है
एकांत में सहभागी की
सहभाग के लिए बाहर निकलना है
सुकून के लिए घर रहना है
खुद से ही युद्ध में हूँ
या निर्णय नहीं कर पाती हूँ
एकांत और भीड में चुनाव नहीं कर पाती हूँ-
Ghar se door chale aaye hain
Ankhon me kuch sapne liye
Maa k pyar se door
Papa ki fatkar se door
Kuch kamon me ham atke hain
Din bhar idhar udhar bhatke hain
Chardeevari mein din kat-te hain
Aankhon k neeche kaale gadhdhe hain
Sab aise duniya me kho gaye
Bachpan ke dost bhi chhoot gaye
Akelapan purana sathi hai
Har baat man me reh jati hai
Man khud se bhi ab rooth gaya
Kavitaon se rishta toot gaya
Raat hue phir pg flat jana hai
Apna ab yahi thikana hai
Maa bula rahi h suno toh
Man kehta h ab ghar laut aana hai-