शिव,
जल अभिषेक से नहीं मिलेंगे..
न पूजा पाठ, आरती, विधि विधान से...
शिव मिलते हैं, ध्यान करने से,
भीतर का रहस्य जानने से,
शिव ढूंढने पर नहीं मिलेंगे,
क्योंकि.. शिव तो खुद ढूंढ रहे है तुमको !!!
बनो ऐसे,
रहो ऐसे, कि... शिव स्वयं पहुंचे तुम्हारे मन के द्वार !!-
You tube channel- nikita's station
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सब अपने-अपने जीवन में व्यस्त है,
सबका जीवन अपने आप में एक अलग दुनिया है
किसी से तुलना करना व्यर्थ है!
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बातों पर सिलवटें पढ़ गई है...?
तो,
वक्त निकाल कर,
सिर्फ बातों से ही इस्त्री (ironing) की जा सकतीं हैं!
हमेशा मौन रहना अच्छा नहीं..-
एक दिन पतंग को चिड़ियां बन ही जाना है
आजाद उड़ने के लिए,
क्योंकि पतंग,
'हकीकत' नहीं है।
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करवा चौथ
हर किसी ने चांद के लिए आसमान का रुख किया,
दरअसल,
दिल में भी तो आसमान होना चाहिए
यहीं चांद की भी ख्वाहिश है!
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क्या खूब दशहरा था,
धुल रही थी घर-घर में,
मोटर साइकिल और कार
सज रही थी तोरण और रंगोली
एक तरफ मिठाइयां तैयार थी,
दूसरी तरफ रावण
लेकिन अचानक रावण बोल पड़ा,
कि मुझे सिर्फ एक दिन ही क्यों याद किया जाता है?!
एक सवाल अपने मन में लेकर
वो जल गया, खाक हो गया!
क्या खूब दशहरा था!
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जीवन क्या है?
जैसे हो दर्जी की सिलाई,
अच्छा जीवन क्या?
एक ’दर्जी’ ही तो है!
सी दे जो तेरी तक़दीर का मनपसंद नाप,
वक्त की करे ऐसी बेमिसाल तुरपाई...
जैसा होगा तेरी सोच का नाप
ठीक वैसी होगी तेरे वर्तमान की बुनाई,
गर उधड़ गई तेरी मुस्कान,
वो भी सिल जायेगी
मंजिल क्या है?
जैसे हो कोई दर्जी की सिलाई...
ले आ तेरे विश्वास का कपड़ा
बता दे क्या है तेरे सपनों का आकार,
तक़दीर के धागे हैं यहां,
मुश्किलों की कैची भी है चलती..
बता दे क्या है तेरी सोच का नाप
ठीक वैसी होगी तेरी हार और जीत की जुड़ाई
जीवन क्या है
एक दर्जी की दुकान..
उम्मीदों के रुपयों से होती यहां,
खुशियों की सिलाई...
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