Nikita Gour   (Nikita Gour)
105 Followers 0 Following

read more
Joined 19 January 2021


read more
Joined 19 January 2021
18 FEB 2023 AT 17:32

शिव,
जल अभिषेक से नहीं मिलेंगे..
न पूजा पाठ, आरती, विधि विधान से...

शिव मिलते हैं, ध्यान करने से,
भीतर का रहस्य जानने से,

शिव ढूंढने पर नहीं मिलेंगे,
क्योंकि.. शिव तो खुद ढूंढ रहे है तुमको !!!
बनो ऐसे,
रहो ऐसे, कि... शिव स्वयं पहुंचे तुम्हारे मन के द्वार !!

-


5 FEB 2023 AT 17:52

सब अपने-अपने जीवन में व्यस्त है,

सबका जीवन अपने आप में एक अलग दुनिया है
किसी से तुलना करना व्यर्थ है!

-


19 DEC 2022 AT 19:43

बातों पर सिलवटें पढ़ गई है...?
तो,
वक्त निकाल कर,
सिर्फ बातों से ही इस्त्री (ironing) की जा सकतीं हैं!

हमेशा मौन रहना अच्छा नहीं..

-


24 OCT 2022 AT 8:40

This diwali..

Only one word!
Gratitude!🌿

-


22 OCT 2022 AT 15:33

दिल में निवास करे
धनवंतरी
यही दुआ है!

जेब तो बहुत छोटी चीज है!

-


16 OCT 2022 AT 11:01

एक दिन पतंग को चिड़ियां बन ही जाना है
आजाद उड़ने के लिए,
क्योंकि पतंग,
'हकीकत' नहीं है।

-


15 OCT 2022 AT 16:59

करवा चौथ

हर किसी ने चांद के लिए आसमान का रुख किया,
दरअसल,
दिल में भी तो आसमान होना चाहिए
यहीं चांद की भी ख्वाहिश है!

-


6 OCT 2022 AT 10:37

क्या खूब दशहरा था,
धुल रही थी घर-घर में,
मोटर साइकिल और कार
सज रही थी तोरण और रंगोली
एक तरफ मिठाइयां तैयार थी,
दूसरी तरफ रावण

लेकिन अचानक रावण बोल पड़ा,
कि मुझे सिर्फ एक दिन ही क्यों याद किया जाता है?!
एक सवाल अपने मन में लेकर
वो जल गया, खाक हो गया!
क्या खूब दशहरा था!


-


20 SEP 2022 AT 8:50

जीवन क्या है?
जैसे हो दर्जी की सिलाई,

अच्छा जीवन क्या?
एक ’दर्जी’ ही तो है!
सी दे जो तेरी तक़दीर का मनपसंद नाप,
वक्त की करे ऐसी बेमिसाल तुरपाई...

जैसा होगा तेरी सोच का नाप
ठीक वैसी होगी तेरे वर्तमान की बुनाई,
गर उधड़ गई तेरी मुस्कान,
वो भी सिल जायेगी
मंजिल क्या है?
जैसे हो कोई दर्जी की सिलाई...

ले आ तेरे विश्वास का कपड़ा
बता दे क्या है तेरे सपनों का आकार,
तक़दीर के धागे हैं यहां,
मुश्किलों की कैची भी है चलती..
बता दे क्या है तेरी सोच का नाप
ठीक वैसी होगी तेरी हार और जीत की जुड़ाई

जीवन क्या है
एक दर्जी की दुकान..
उम्मीदों के रुपयों से होती यहां,
खुशियों की सिलाई...

-


14 SEP 2022 AT 21:04


हिन्दी भाषा,
क्या है?
मौन की कलम है!

-


Fetching Nikita Gour Quotes