मध्यमवर्गीय परिवारों में संतानों पर किया गया व्यय परिजनों की उम्मीदों के समानुपाती होता है। -
मध्यमवर्गीय परिवारों में संतानों पर किया गया व्यय परिजनों की उम्मीदों के समानुपाती होता है।
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लड़कियों के दुख अजब होते हैं, सुख उस से भी अजीबहँस रही हैं मगर काजल भींगता है साथ-साथ। -परवीन शाकिर। -
लड़कियों के दुख अजब होते हैं, सुख उस से भी अजीबहँस रही हैं मगर काजल भींगता है साथ-साथ। -परवीन शाकिर।
जब हम प्रेम में होते हैं...प्रेम लिखते हैं,प्रेम पढ़ते हैं,प्रेम कहते हैं,प्रेम सुनते हैं,प्रेम देखते हैं,जब प्रेम हममें होता है...तब,,,हम केवल प्रेम करते हैं। -
जब हम प्रेम में होते हैं...प्रेम लिखते हैं,प्रेम पढ़ते हैं,प्रेम कहते हैं,प्रेम सुनते हैं,प्रेम देखते हैं,जब प्रेम हममें होता है...तब,,,हम केवल प्रेम करते हैं।
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केवल 'मैं' प्रेम नहीं करती,प्रेम करती है उनसे ...प्रकृति भी,मेरे मन की प्रकृति।मैं 'केवल' प्रेम नहीं करती,करती हूँ उनसे प्रकृष्ट प्रेम...प्रकृति सी,हमारे मन की प्रकृति सी। -
केवल 'मैं' प्रेम नहीं करती,प्रेम करती है उनसे ...प्रकृति भी,मेरे मन की प्रकृति।मैं 'केवल' प्रेम नहीं करती,करती हूँ उनसे प्रकृष्ट प्रेम...प्रकृति सी,हमारे मन की प्रकृति सी।
उन आँखों ने भी खूबसूरती के बारहा नज़ारे देखे होंगे,मुतमईन से हम जिन्हें सबसे खूबसूरत कहा करते हैं। -
उन आँखों ने भी खूबसूरती के बारहा नज़ारे देखे होंगे,मुतमईन से हम जिन्हें सबसे खूबसूरत कहा करते हैं।
प्यारे से बचपने मन का,बोन्साई बना दिया जाना।कत्ल है...उस मन की स्वच्छंदता का,उसके फलने फूलने की उन्मुक्तता का।एक बोन्साई मन को,आजीवन ढोनेकी कल्पना मात्र...सर्वाधिक भयावह है। -
प्यारे से बचपने मन का,बोन्साई बना दिया जाना।कत्ल है...उस मन की स्वच्छंदता का,उसके फलने फूलने की उन्मुक्तता का।एक बोन्साई मन को,आजीवन ढोनेकी कल्पना मात्र...सर्वाधिक भयावह है।
कहे गए अनगिन अहसासों को ,,,उनकी सौ-सौ बातों को,लिखकर छू लेती हूँ।जैसे छूते हैं बादल,धरा को ,,,इतनी ऊँचाई से भी। -
कहे गए अनगिन अहसासों को ,,,उनकी सौ-सौ बातों को,लिखकर छू लेती हूँ।जैसे छूते हैं बादल,धरा को ,,,इतनी ऊँचाई से भी।
अप्रत्याशित घटनाओं में से एक है...कूकती कोयलों का अचानक खामोश हो जाना।।। -
अप्रत्याशित घटनाओं में से एक है...कूकती कोयलों का अचानक खामोश हो जाना।।।