वही सूरत, वही सीरत, वही नखरे, वही नीयत, फिर भी जाने क्यूं, तुम कुछ बदले से हो।वही इश्क, वही इबादत, वही आरजू, वही आदत, फिर भी जाने क्यूं, तुम कुछ बहले से हो।वही गुस्सा, वही गुमान, वही अनकहे अरमान, फिर भी जाने क्यूं, अब न तुम पहले से हो... -
वही सूरत, वही सीरत, वही नखरे, वही नीयत, फिर भी जाने क्यूं, तुम कुछ बदले से हो।वही इश्क, वही इबादत, वही आरजू, वही आदत, फिर भी जाने क्यूं, तुम कुछ बहले से हो।वही गुस्सा, वही गुमान, वही अनकहे अरमान, फिर भी जाने क्यूं, अब न तुम पहले से हो...
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मां!गर मै धूप मे हूं, छांव बन खड़ी है मां!जब कभी,पापा ने पीटा, ढाल बन लड़ी है मां!कष्ट का प्याला खुद पी कर,कांटों सा जीवन खुद जी कर,सुख का सागर बनी है मां!मेरी खातिर, नियती से भी लड़ी है मां!सबको कर अनदेखा,रचने मेरी भाग्य की रेखा,मेरी ओर बढ़ी है मां,मेरी खातिर,ईश्वर से भी बड़ी है मां! -
मां!गर मै धूप मे हूं, छांव बन खड़ी है मां!जब कभी,पापा ने पीटा, ढाल बन लड़ी है मां!कष्ट का प्याला खुद पी कर,कांटों सा जीवन खुद जी कर,सुख का सागर बनी है मां!मेरी खातिर, नियती से भी लड़ी है मां!सबको कर अनदेखा,रचने मेरी भाग्य की रेखा,मेरी ओर बढ़ी है मां,मेरी खातिर,ईश्वर से भी बड़ी है मां!
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।। -
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।।
यूं ही नही मेरा इश्क बनारस है,छू कर देखना!वहां की मिट्टी भी पारस है। -
यूं ही नही मेरा इश्क बनारस है,छू कर देखना!वहां की मिट्टी भी पारस है।
I was wrong!I am wrong!I will be wrong!You know why?You are 'Love' -
I was wrong!I am wrong!I will be wrong!You know why?You are 'Love'
देख शौर्य और पराक्रम,मेरे उन वीर जवानों का,हृदय अरु मस्तिष्क तुम्हारा,स्वीकार गया था हार को!आकर सम्मुख कुछ करने की,भूल गए तुम धार को,लेकर जन्म मानव की कोख से,छेड़ दिया नरसंहार को!अपने शेरों की पीठ पर,कायरता से भरे हुए,उस बेबुनियादी वार को!तुम जैसे हिजड़ों के हाथों, कलंकित हुए प्रहार को!कैसे भूलूं मै आज के काले वार को!!कैसे भूलूं मै आज के काले वार को!! -
देख शौर्य और पराक्रम,मेरे उन वीर जवानों का,हृदय अरु मस्तिष्क तुम्हारा,स्वीकार गया था हार को!आकर सम्मुख कुछ करने की,भूल गए तुम धार को,लेकर जन्म मानव की कोख से,छेड़ दिया नरसंहार को!अपने शेरों की पीठ पर,कायरता से भरे हुए,उस बेबुनियादी वार को!तुम जैसे हिजड़ों के हाथों, कलंकित हुए प्रहार को!कैसे भूलूं मै आज के काले वार को!!कैसे भूलूं मै आज के काले वार को!!
कल ख़्वाबों का दामन ओढ़े,खूब देर तक ताकती रही यादें।फिर तुम्हारी नाराजगी ने आकर,यह सपना भी मेरा तोड़ दिया। -
कल ख़्वाबों का दामन ओढ़े,खूब देर तक ताकती रही यादें।फिर तुम्हारी नाराजगी ने आकर,यह सपना भी मेरा तोड़ दिया।
ऐ कलम! फिर तिरी राह आया हूं मै,साथ अपने, वही पुरानी आह लाया हूं मै। -
ऐ कलम! फिर तिरी राह आया हूं मै,साथ अपने, वही पुरानी आह लाया हूं मै।
खयाल जिसका था मुझे, खयाल में मिला मुझे,सवाल का जवाब भी, सवाल में मिला मुझे। -
खयाल जिसका था मुझे, खयाल में मिला मुझे,सवाल का जवाब भी, सवाल में मिला मुझे।
किसी को हम अपने अमल का हिसाब क्या देते,सवाल सारे गलत थे, जवाब क्या देते। -
किसी को हम अपने अमल का हिसाब क्या देते,सवाल सारे गलत थे, जवाब क्या देते।