तू इश्क है,
एक मुदतो बाद मिली इश्क हो तुम,
चाय सी रंगीन हो तुम,
सच कहूं जानेशार,
मेरी संगीन जुर्म हो तुम,
ताबीज की तरह, पास हो तुम,
शायद एक एहसास हो तुम,
तुम मदहोश हो, तुम महक हो,
तुम रंगरेज हो, तुम चहक हो,
तुम नर्म हो, तुम आराम हो,
तुम मखमल की नींद हो,
तुम शाम हो, तुम आम हो,
तुम खास हो, तुम बदनाम हो,
तुम आग हो, तुम जज्बात हो,
तुम ख्वाब हो, तुम चैन हो,
मैं डूबा हूं तुममें, एक कस्ती की तरह,
तुम आंखें यूं न हटाया करो,
एक दीदार करने दो न मुझे,
थोड़ा पास रहने दो न मुझे....
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