मैंने मोहब्बत की सफर पूरी की
हर घर से फ़रियाद किया ,
सब जगह से कुछ न कुछ मिला मुझे
अब मैं बैठना चाहता हूं
लम्बी सफर थी , थक गया हूं
अब देखना चाहता हूं , क्या मिला है मुझे
क्या गुज़ारा रात तक चल जाएगा ।-
मैं अपनी कलम से ,आज इश्क लिख रहा हूं !✍️
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कुछ तो बात है उस चेहरे में
कुछ तो राज छुपा है उस चेहरे में
मै तो रोज भटकता हुआ सपनों में
आंधेरो में , अकेले
उसका चेहरा दिख रहा है मुझे अंधेरे में
कुछ तो बात है , उस चेहरे में-
जब तक उसकी यादें पास रहेंगी
हम मजबूत रहेंगे , अगर वो साथ रहेंगी
इश्क में जिस्मानी होना लाजमी है ,
हम दूर नहीं रह पाएंगे , अगर वो पास रहेंगी
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कभी ना मोहब्बत का इकरार करना
कभी ना किसी से तुम प्यार करना
जिन्दगी तुम्हारी बन्ध जाएगी
किसी कोने में रहकर मर जाएगी
कभी ना मोहब्ब्त का इकरार करना
मेरे दोस्त , कभी ना किसी से तुम प्यार करना
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फ़िर से निगाहें जागी है , फ़िर से अंधेरा हुआ है
फ़िर से लगता है , वफात का सबेरा हुआ है-
तूझे सोच कर भर उठता हूं मैं
तूझे कैसे हाथ लगाऊंगा
तू मोम सी है , नाज़ुक
मैं छूते ही पिघल सा जाऊंगा-
वक्त तुम देखो , मै अभी रूका नहीं हूं
तुम क्या समझे , मैं अभी थमा नहीं हूं
तुमने कई लहरें भेजी थी , मुझे डुबाने को
वक्त देखो , अभी मैं डूबा नहीं हूं
बुनियाद कमज़ोर हो तो मकान नहीं संभालती
तभी मैं अब तक गिरा नहीं हूं-
मैं दूर जा रहा हूं ,
......अब नज़र नहीं आऊंगा
तुम अब महफूज़ हो
...... मैं अब तुम्हे अक्स नहीं बतलाऊंगा
दूर जा रहा हूं ,
मैं दूर जा रहा हूं ,
......अब नज़र नहीं आऊंगा
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