Nikhil Sharma   (Nikhilizzm)
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Joined 6 January 2020


Joined 6 January 2020
20 OCT 2024 AT 0:33

As we fall on the bed Like two sweating dead bodies, I turn to look at her:

Messy hair, tired eyes, blushed cheeks open lips wet in our spit, breasts with line of stretch mark rising and falling with each hurried breath Cum dripping down her thighs, Laying naked in this room clouded with the fragrance of our sweat and sex

She looks like a Greek Goddess who just fucked.

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20 OCT 2024 AT 0:18

धड़कनों में बसी है कोई अनकही दास्तान,
ख़ामोश लफ़्ज़ों में छुपा है दर्द का जहाँ।
मुस्कुराहट के पीछे हैं हज़ारों आँसू,
पर ये दिल फिर भी ढूँढता है वफ़ा का निशान।

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20 OCT 2024 AT 0:15

थकी हुई नज़रों को ना जाने कब से ये इंतज़ार रहा होगा
जो पढ़ा ही ना गया कभी एक वो भी किसी का प्यार होगा
दर दर क्या ढूंढते हो तुम उसे यूं अंजान रास्ते में
दर दर क्या ढूंढते हो तुम .........
ना जाने कितनों को ही उस एक दिन का इंतेज़ार होगा अक्सर ही बंद खतों में मिलती है सच्ची मोहब्बत की कहानियां, छुपे हुए जज़्बात, टूटे ख़्वाबों की निशानियां जिस दर वो मोहब्बत का किस्सा अब भी ठहरा होगा उसकी आंखों में आज भी इतंजार गहरा होगा
पथराई आंखों में धुंधली सी यादों का अब भी पहरा होगा
थकी हुई नज़रों को ना जाने कब से ये भी एक इंतज़ार होगा
मुंतज़िर होगा कोई तो उस ख़त के मिलने का एक उमर से इस मिलन की प्रतिक्षा का अंतराल अभी ना जाने और कितना लंबा होगा ।

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11 JUN 2023 AT 22:25

शोर खामोश है, चुप्पी जाग रही है
प्रकाश सो रहा, तम घना है
पत्तों की सरसराहट और
हवा की थरथराहट डराती है मुझे,
पर जनता हूं
कल एक किरण उम्मीद की जरूर ही
लाल सूरज से टपकेगी और
जन्म देगी कई सतरंगी किरणें को
जो मेरे जीवन को इंद्रधनुष बना देगी

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21 FEB 2023 AT 20:12

एक सपना है, सपने में भंवर, भंवर में यूं बुलाता है मुझे, एक शहर है तेरा, जो आहिस्ते से रोज बुलाता है मुझे।।

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29 JAN 2023 AT 15:38

एक जगह है जहां कुछ भी मन्नत मांगो पूरी होती है
अधूरी ख्वाइश भी दिल से मांगो तो पूरी होती है

हर मंदिर मस्जिद में मत्था टेक लिया मैंने
हर पीर पुजारी से भी पूछ लिया मैंने

मेरी मन्नत क्यों पूरी नहीं हुई
क्या मुझसे कोई गुस्ताखी हुई

क्या मुझसे मेरा खुदा है खफा
क्या वो दे रहा मुझे किसी बात की सजा

पुरजोर दिल से उसे फिर से मांगा है
आज उसके लिए फिर से लाल धागा बांधा है

एक दिन जरूर कबूल होगी मेरी दुआ
यही है तुझसे अरदास मेरी खुदा ।।

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26 JAN 2023 AT 10:20

पुष्पों पर पीत वर्ण गहरा रहा है
सुन री सखि मधुमास आ रहा है।
भ्रमर प्रणय गीत गुनगुना रहे हैं
खिलती कलियों को रिझा रहे हैं।
धरा स्वर्णिम हो चमकने लगी है।
नवयौवना प्रेम में बहकने लगी है।
प्रीत की अनुभूति जागने लगी है
हृदय की धड़कने भागने लगी है
नयन प्यार के स्वप्न सजा रहा है
भ्रमर अधरों से मधु रस पा रहा है।
चारों ओर प्रेम की वर्षा हो रही है।
जो सखि मेरे मन को हर्षा रही है
तन मन उल्लास में डूबा जा रहा है
बासंती मनहर मधुमास छा रहा है.....

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27 OCT 2022 AT 21:52

माना कि रास्ता अँधेरा है और
तुम्हारे हाथ में है एक छोटा सा दीपक
आगे देखकर डर लगेगा मगर
जैसे जैसे कदम बढ़ेगा
छोटी सी लौ रास्ता दिखायेगी
मत सोचो कि अँधेरा दूर तक है
यह सोचो कि लौ तुम्हारे पास है

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19 AUG 2022 AT 9:53

माखन की मिठास हो, गोकुल की सुवास हो,
ग्वाल बाल संग हो, क्रांति के रंग हो, गोपियों का समर्पण हो,
निश्चल मन का दर्पण हो, मुरली की वही पुकार हो, जीवन का सार हो,
भक्ति का वही रास हो, तृप्त भक्तों की हर श्वास हो,
जन्म-जन्मान्तरों का पुण्य, मानों एकत्र हुआ आज हो,

ओर जीवन पथ पर बढ़ते हुए, जब युद्ध का आह्वान हो,
तो पाच्चजन्य का अदघोष हो, ओर माँ गीता का गान हो,
ऐसी कृष्णमयी हर सुबह हो, कृष्णमयी हर शाम हो,
श्वास श्वास हर श्वास में, बस आपका ही नाम हो,
ओर सुनो प्रभु! जब आए, वस्त्र बदलन की मंगल बेला,
तब आपकी ही गोद हो, ओर इन आँखों में, आपकी मुस्कान हो,

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8 JUL 2022 AT 21:14

वो शक्ल
उसे मैं कैसे भुला दूं
उसके साथ तो अपनी पूरी जिंदगी बितानी है
ये बात किसी रोज उसे फिर से बतानी है

ना समझ आए तो भी उसी से इश्क़ निभाना है
उसके साथ बिताए अनगिनत लम्हों को ताउम्र संजोकर रखते जाना है

उसी के नाम से जीना है
उसी की रह के मर जाना है
ये रिश्ता मुझे अब ज़िंदगी भर निभाना है।

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