"तेरे जाने के बाद" ख्वाबों की उड़ान फिर से भरना चाहता हूँ, पर रातों में अब वो नींद नही, चलना चाहता हूँ मीलों का सफर जिंदगी में और अभी, पर साथ अब वो हमसफ़र नही, तुम में, तुम से और तुम तक, ही थी जो मेरी जिंदगी का आशियाना, हाँ अब मिलना चाहता हूँ एक बार फिर खुद से, पर तेरे जाने के बाद अब मैं मैं नही,
मेरी जिंदगी के हर ख़्वाब की तू ही बुनियाद है, पूरा हर ख़्वाब हो बस यही खुदा से फरियाद है, एक तेरी यादो के कारवां के साथ निकल पड़ा हूँ इस सफर में, रुके न साँसे हर ख़्वाब मुक़म्मल होने से पहले एक बस यही मुराद है।