रात के ऐसे पहरों में.. जाने क्यों तेरे पहरे हैं...
दिन में हल्के फुल्के हैं.. रात में बेहद गहरे हैं..!!-
उजड़ा फिर ना बस सका.. वो शहर हो रहा हूं...
मत पूछो कि कब.. आठों पहर हो रहा है...
तुझसे बिछड़ के गम है और तन्हाइयों का आलम है...
ज़हर पीते पीते मैं खुद ज़हर हो रहा हूं..!!-
तेरी एक नजर का मसला था.. जो हमपे कभी पड़ती ना थी...
मेरे इश्क की ये गुस्ताखी थी.. इसमें तेरी कोई गलती ना थी...
हुए दिवाने तेरी अदाओं के.. इस कदर तूने घायल किया...
मेरी सांसे रुकने आ गई... और तेरी आंख तक फड़की ना थी..!!-
The reason behind I am happier than before is that, I have stopped giving importance to those who does not deserve it.
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कभी कोई गलती नहीं करता.. मैं खुद को रोक लेता हूं...
तेरे घर का रास्ता देखूं.. तो खुद को मोड़ लेता हूं...
हजारों गम है जिंदगी में.. पर उन पर रोना नहीं आता...
कभी रोने का मन हो.. तो तुमको सोच लेता हूं..!!-
टूटे हैं अरमान.. सिमटने में ज़रा वक्त लगेगा...
बिखरे हैं जज्बात.. संवरने में ज़रा वक्त लगेगा...
तुझे जाना है तो जा.. हमेशा के लिए..
भूल जाऊंगा तुझे.. पर भूलने में ज़रा वक्त लगेगा..!!
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आज तू बेहद खुश.. और मैं डरा हुआ सा क्यों हूं?
तू मुझ में है जिंदा.. मैं तुझ में मरा हुआ सा क्यों हूं?-
प्यार मोहब्बत इश्क वफा.. उनसे सब मैंने दिल से निभाया है..
वो पूछते हैं कि यह सच है या नहीं.. देखो! क्या सुनने में आया है..!!-