मेरा हाथ छोड़ कर जैसे ही वो अपने घर को गया,
यूँ लगा मानो जैसे एक खूबसूरत सपना गुज़र गया,
अब मुझे क्या ख़बर कि वो है परफ्यूम की दीवानी,
अरे! मैं तो उस से मिलने तक बस नहा कर गया,
मैंने आवाज़ दी, जो अपना है मेरे साथ ठहर जाए,
सारे अपने चले गए, बस मेरा दर्द वहीं ठहर गया,
वो लड़का जो तुम्हें दिया करता था तमाम नसीहतें,
वो ख़ुद तुम्हारे प्यार में बहुत कुछ गलत कर गया,
हाँ, हाँ, वही लड़का ना, जो तुमसे प्यार करता था,
माफ़ी चाहता हूँ, लेकिन वो तो कब का मर गया।
-