क्या किया मैंने
जो तुम मुझे मारते हो
भूक से मरने वाले को
फत्तर से भी मारते हो
रोजाना हकाल ते हो
रोटी को तरसाते हो
कभी मिल भी जाए
तो आराम से
खाने के लिए तरसाते हो
रोजाना हकाल ते हो
एक टुकड़े को तरसाते हो
कुछ मिल भी जाए
तो एक घुट पानी को
तरसाते हो-
मेरी नज़रे
पेहरा देती है
ना थकती है
ना सोती है
तेरे दिले दहलीज पे
मेरी नज़रे
पेहरा देती है-
मुझे जीने दो
जिंदगी देखने दो
मै भूखा मर जाऊंगा
मगर मुझे मेरा जीने दो
ना खाना दो ना पानी दो
ना छत दो ना सहारा
मै यू ही रास्ते पर काट लुगा जिंदगी
मुझे मेरा जीने दो
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ये आकाश हमारा है
ये प्रकाश हमारा है
तुम सूरज की
क्या बात करते हो जनाब
ये तो ब्रम्हांड हमारा है-
फासले कम होते नहीं
हम चलने से मगर डरते नहीं
साजिश तू कर ले जिंदगी
हम उसे पूरा कर ने से मगर थकते नहीं-
रात से गले मिलकर
सपनों को मुझे जगाना है
जो कभी अधूरे थे
उन्हें पूरा मगर करना है
डर रहा हूं कहीं
सूरज ना निकल जाय
पूरा होने वाला सपना कहीं
खत्म ना हो जाय
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जिंदगी गुजरती नहीं
लम्हे क्यों भूलते नहीं
यादे बड़ी कड़वी है
क्यों जिस्म से निकलती नही
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पता नहीं क्यों
मुझे कम तुम समझते हो
मेरे बारे में यूं कमजोर बाते करते हो
ना बराबरी मुझसे करते हो
ना मुकाबला मुझसे करते हो
दौड़ने से पहले
मुझे हारा हुआ घोषित करते हो
अपनी चलाते हो ना मेरी कभी सुनते हो
मेरी जिन्दगी के आखिर
तुम फैसले क्यों करते हो ?
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मै इंतजार करता रहा
वक्त से रूबरू होता रहा
जो चीज कभी मेरी ना थी
मै उसका इंतजार करता रहा
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पता नहीं क्यों
मै सोचता रहा
उसे देख
परेशान होता रहा
उसकी आवाज़ के लिए
तरसता रहा
उसकी शैतानी याद करता रहा
उसे यू खामोशी देख
मै मन के मन मै रोता रहा
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