Lo Aaj Ek Arsha Ho Gaya Hum Dono Ko Bichhade Huye, Par Ye Dil Aaj Bhi Wahi Usi Waqt Par Thahra Hai, Yu To Kahne Ki Baatein Hai Ki Wo Dard Sab Bhar Gaye Hai, Lekin Sach To Ye Hai Ki Wo Zakhm Aaj Bhi Hara-Bhara Hai.
आज चल रहे इस मौत के मंजर में लोग अपनों को खो रहे हैं, और फिर भी ना जाने क्यों कुछ लोग नफरत का बीज लिए जी रहे हैं, हालात कुछ ऐसे बिगड़े हुए हैं की कुछ इंजेक्शन के लिए भाग रहे हैं, तो कुछ अपनों को कंधा नहीं सिर्फ उनकी चिताओं को आग दे पा रहे हैं।