Nikhil Kuberkar   (Nirmoheeya...✍)
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Joined 24 August 2020


Joined 24 August 2020
15 JAN AT 23:14

यही है ज़िंदगी
कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो

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15 JAN AT 23:12

दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है

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9 NOV 2024 AT 18:00

Whenever I had a Flower,
every time i have thought about you....
one of those I have preserved...
a Rose For my Rose.... 🌹

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12 MAY 2024 AT 1:17

हो सके तो माफ़ करना

मेरा प्यार ही है लेकिन है तो बंदिश ही
जिसने रोका है तुम्हे, खुलकर जीने से।
कोशिश करती हो उड़ने की मगर
पर काट देती है जिम्मेदारियां कई बार।
मेहफूज हो लेकिन बंधी हो, ज़मीन पर
देता हूं हौसला तुम्हे, शायद कम पड़ता हूं।
फिर भी उम्मीद रखना, कोशिश करती रहना
ज़रूर टूटेंगी ये बेड़ियां, और उड़ जाना तुम।
और कुछ नही बस ताल्लुक़ रखना मुझसे
क्योंकि सांसे उड़ गई तो मेरी हस्ती कैसे रहेगी।

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18 APR 2024 AT 1:11

इथे तिथे मी जाऊ कुठेही
मला तुझ्याविना करमत नाही
दिन सरला रात्रही झाली
पण हे काही जीवन नाही
किती म्हणुनी धीर धरावा
हा दुरावा संपत नाही
जीव माझा सदा घुसमटतो हा
तुझ्याविना जगणे गोड नाही

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10 FEB 2024 AT 10:06

हर एक पैलू तुझा
तुला नव्याने खुलवतो
स्पर्शातील गंध तुझा
सखे मला भुलवतो
त्या मोहक स्पर्शाने
शिरशिरी एक उमलते
रोम रोम हर्षुनी जातो
जेंव्हा तू दीप मालवते

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10 FEB 2024 AT 8:36

तुला रोज जरी पाहिले
भासतेस तू तितकीच नवी

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9 FEB 2024 AT 1:06

काही आघात असतात, खोल मनावर
सुखाच्या वर्तमानात देखील ते हळूच डोकावतात.

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11 OCT 2022 AT 9:01

चालण्या निघालो वाट ही
हात तुझा हाती दे
दूर त्या क्षितिजापर्यंत
साथ तुझी असू दे
घाव मिळता वाटेवर त्या
हळुवार तु फुंकर दे
खडतर आहे वाट सखे
तोल माझा सावरू दे

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11 JUN 2022 AT 12:56

वो कल पूछ रही थी हमसे
क्यों सरेबाजार इल्जाम लगाते हो हम पे
चोरी करना तो फितरत नहीं हमारी
हां, सच ही तो कह रही है वो
दिल चुराना तो कोई गुनाह नाही

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