तेरे बदन की ख़ुशबू मेरे जहन से नहीं उतरती है,
या मेरा तन भी तुम्हारी तरह महकने लगा है।-
सुई मजबूरन चुभती है ज़ख्म सिलते वक्त,
मगर कांटों का राहों में क्या काम होगा।
भूलना भी चाहते है याद आए तो हंस भी देते है
ऐसे पेचीदा रिश्ते का क्या नाम होगा।
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मसला ये नहीं के मंज़िल दूर है अभी बहुत,
परेशानी है के दिल रास्ता भटक रहा है।-
रहा असर दवा का वैद्य की रिहाई तक,
कमरा खाली हुआ और वो फिर दिल में भर गया।-
ये कैसी है तेरी कायनात ऐ ख़ुदा,
किसी किसी का हिसाब मरने के बाद भी ना हुआ,
और किसी किसी को तूने पूरा जीने भी ना दिया।-
हर तरफ हो रहा है प्यार का इज़हार और इनकार,
ना जाने कैसे कर लेते है लोग इस हफ्ते का इंतज़ार।-
वादे तोड़ने के लिए ही बनाए जाते है,
निभाने के लिए ख़ामोशियाॅं काफ़ी है।-
ऐ गुजरते साल, तू यूं मायूस ना हो थोड़ा सब्र कर,
तू अच्छा था हम ये जानेंगे नया साल आज़मा कर।-
तेरा मुझसे दूर जाने की,
किसी अनजान के कंधे सर रखने की,
मेरे प्यार को वस्ल कहकर किसी और
के कमरे की रौनक बनने की।
मुझे नहीं पता कैसे जीते है तेरे बिना,
बस हो कोई गुंजाईश तो चले आना,
कंधा भी यही है और वो कमरा हमने
तुम्हारे जाते ही तोड़ दिया है।-