लिहायला शब्द देखील सुचत नव्हते मला
कदाचित ते ही आठवत होते तुला...
शब्दांनी पण माझी साथ अशी सोडली
जशी की रंगवलेली स्वप्ने ही मोडली...
काळजी आजही वाटते तुझी मला
देवच जाणे कसं हे मन माझे समजेल तुला....-
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I write what I think.
Writing for happiness
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अजीब दस्तूर है दुनिया का बड़ा
नजर पसंद उसी को करती है जो नसीब में नहीं होता
इश्क करना तो आसान है मगर जताना नहीं आता...
हाल ए दिल समझाए कैसे हम किसी को
दिल तो खामोश सा ही हो गया है
क्या उसे हुआ पता नहीं ना जाने कही खो गया है...
लौटा दो मेरी कविता तुम जो तुम्हारे साथ ही खामोश हो गई
गुम सूम आप हो गए और मेरी कविताएं ही खो गई...
आओ कभी उसी गली में जहां कभी मुलाकात हुआ करती थी
अल्फाजों को जोड़कर मेरी कविताएं आपको छुआ करती थी...
फिर वो दिन जिएंगे फिरसे वो महफ़िल जमेगी
कोई कितनी भी करले कोशिशें ये कहानी नहीं थमेगी...
लिखते तो हम आज भी है मगर मजा उसमें इतना है ही नहीं
कविताएं मेरी तुमसे थी और तुमपे ही थम सी है गई....-
छोटी छोटी बात पर समझाएगा वो इंसान तुम्हें
जिसे वास्तव में तुम्हारे साथ रहना होगा...
शायद तुम ही समझ ना पाए उसकी बातों को
उसे दिल से कुछ तुमको कहना होगा...
खामोश अगर रहने लगे तुम हरवक्त तो नहीं बनेगी बात
कभी उनकी आंखों में झाक के देखो जमझ जाओगे दिल के जसबात...
साथ होना ही इश्क नहीं होता इश्क की बात ही अलग होती है
बात ना हो तो भी ठीक है हरवक्त दिल में बस उसी की याद होती है...
कितनी भी हो दूरियां हो कितने भी फासले उनसे ध्यान हटता नहीं
कभी अकेलापन महसूस हो तो आज भी एक इंसान आपके लिए है ये भूलना नहीं...
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बस तू आंखों की भाषा को समझ लेना
बिन बोले ही मैं चाहता हूं तुमसे बहुत कुछ कहना...
इज़हार ए इश्क अल्फाजों में करना हमे पसंद नहीं
आपकी झुकी हुई पलकों में छुपा है मेरा इश्क कही...
हम साथ हो न हो तुम्हारी खबर लेना मेरी आदत बन गई है
आपका हमारा नाता जनम जनम का है बस कहना यही है....-
The Valentine is Not About Being Someones Love For All Of Your Life...
Rather It is All About Being Someones Support For All Of Your Life Without Expecting Something Back From The Person For Whom You Care You Love....-
गोड तुझे हसणे डोळ्यात साठवावे...
कितीदा नव्याने तुला आठवावे
तुझ्या बोलक्या डोळ्यातील भाव मनात जपावे...
कितीदा नव्याने तुला आठवावे
मनीच्या भावनांचे पत्र तुला पाठवावे...
कितीदा नव्याने तुला आठवावे
तुझ्या लाडिक अदा पाहुनी झुरावे...
कितीदा नव्याने तुला आठवावे
तुझ्या माझ्या नात्याला हळुवार जपावे...
कितीदा नव्याने तुला आठवावे
कितीदा नव्याने तुझ्या प्रेमात पडावे...
कितीदा नव्याने तुला आठवावे
दिल्या शब्दासाठी कितीदा लढावे...
कितीदा नव्याने तुला आठवावे
कधीतरी अनाहुत तुझे दर्शन घडावे....-
आहे साठवूनी अथांग ठेवलेला...
गोडवा तुझिया मंद हसण्याचा
आहे मनाला खूप भावलेला...
गोडवा तुझ्या स्वभावात असलेला मला करुनिया जातो धुंद
अजूनही आठवात आहे माझ्या तुझा तो गोड गंध...
महागतील महाग चॉकलेट चा गोडवा ही त्यासमोर काय असेल
जेव्हा माझी प्रिय सखी मनापासून दिलखुलास गोड हसेल....-
क्या ही लिखे अब हम जब प्यार ही ढाई अक्षर का होता है
इज़हार भी क्या काम का जब दिलदार का इनकार होता है...
इज़हार पर २ पंक्तियां
कहते ही उनके मुखड़े पर प्यारी सी मुस्कान आ गई
रूठे न जाने क्यों वो तबसे उनकी मुस्कान कहा गई....-
अभी भी रंग से लाल है
पता नहीं क्यों उलझे से उसके हाल है...
गुलाब का सुर्ख लाल रंग याद तुम्हे करता है
राह तुम्हारे मुस्कुराने की आज भी करता है...
गुलाब का रंग कितना भी गहरा है
मगर तुम्हारी मुस्कान से कम है....-
जब भी देखता हूं बस तुम नजर आते हो
धुंध सी छाई रहती है दिनभर ना जाने कहा चले जाते हो...
खामोशी तुम्हारी बस अब हमे इस कदर चुभने लगी है
नशा नींद का छाया हुआ है मगर आंखे जगी हुईं है...
तस्वीर तुम्हारी देखूं तो वो मुस्कान याद आती है
बंद हो अश्क अगर तुम्हारी ही छवि नजर आती है...
दूरियां फासलों से हो तो कोई बात नहीं है
दिल की दूरियां न सही जाती है...
तुम अजीज हो अजीज ही रहोगे
यू मुस्कुराए बिना अब तुम और कितने दिन रहोगे....-