Nikhat Imran   (Nikhat-)
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Joined 29 April 2019


Joined 29 April 2019
25 OCT 2020 AT 15:43

जी करता है कि आपको आईना बना कर अपने सामने ही रखूं,,,,,,,
क्योंकि......
आपको कोई और देखे मेरे दिल को ये गवारा नहीं।।।

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19 OCT 2020 AT 11:32

मैंने किया है गर कोई जुर्म तो सजा दो मुझे,,,,
तू अपनी और औरों कि नज़रों में गिरा दो मुझे।
मुझमें अब ज़िन्दगी जीने की चाहत नहीं रही,,,
किसी सुनसान सी जगह पर दफना दो मुझे।।।

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23 SEP 2020 AT 13:26

इश्क़ के किताब का ये वसूल है जनाब ,,
मूड कर देखोगे तो मोहब्बत समझी जाएगी।।

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18 AUG 2020 AT 15:22

उनकी ख्वाहिश पूरी करने की ज़िद्द में, मैने कूछ इस क़दर फासले रखे कि....
मैं उनकी गली से भी गुजर गई और उन्हें खबर तक नहीं हुई।।

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14 AUG 2020 AT 0:32

कभी मैं उनका गुरूर हुआ करती थी,,
और आज महज एक फूल हूं जो दूसरों की खुशी के लिए टूट के बिखर जाता है।।

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4 JUN 2020 AT 14:24

वो मेरी गली से कभी गुज़रे नहीं लेकिन,,,
मेरे शहर में रह कर मेरे ⁦❤️⁩ को सुकून दे गए।।।

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31 MAY 2020 AT 18:13

हसीन यादों का सफर

कोई राब्ता नहीं था हमारे दरमियान ,,,
फ़िर भी मुझे उनकी मोहब्बत सच्ची लगी।।।

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8 MAY 2020 AT 17:13

ये वक्त भी कितना हसीन होता है,,,,
ये तो तब पता चला जब वक्त निकल गया।।।

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7 MAY 2020 AT 18:42

अगर वो उदास हों,और मेरा दिल बेचैन तक ना हो,,,
तो फ़िर हमारी ये एहसास_ए_मोहब्बत फिजूल है।

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21 APR 2020 AT 16:06

ये सही ग़लत क्या है?

इस सही और गलत के चक्कर में कभी कभी,,,
हम सही हो कर भी अपना सब कुछ खो देते हैं।।।।

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