दिन का एक पहर
आज फिर बीत गया
कहानी का एक पन्ना आज
फिर पलट गया
ढेर हो गए फिर एक बार सारे सपने
नई कहानियों ने फिर से जन्म है लिया!-
Believe in desma💫
वो बातों वाली रात नहीं होती
रातों में वो बात नहीं होती
वो रिश्ते की बात नहीं होती तो
रिश्तों की आखिरी रात नहीं होती-
आंखों में सूखे आंसू
और दिल में जब दर्द होता है
तो जुबां से नफ़रत ही निकलती है-
जब नकारात्मकता और सकारात्मकता
दोनों ही खुद में ढूंढ ली जाए
तो
बाहर कुछ भी ढूंढना कुछ शेष नहीं रहता-
हम चले थे जिंदगी को अपने ढांचे में ढालने
जिंदगी ने हमें ही ढाल दिया अपने ढांचे में-
कैसा ये इश्क़ है
अजब सा इश्क़ है
रूहानी भूख है?
या जिस्मी?
उम्मीद है
पर सहारा नहीं
साथ है
पर आस नहीं
हक है
पर हिसेदारी नहीं
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वो खाली पन्नों की किताब
और उस किताब में रखा वो
फूल....
अपने रंग और खुशबू के साथ
कभी न भूल पाने वाली
एक सुनहरी याद
भी दबा देता है-
कहीं दूर
एक रोशनी
जो जल रही है,
उम्मीद की आस में,
कुछ खास के विश्वास में,
बदले की आग में,
कुछ उलझनों को सुलझने में,
रोशनी,
जो जल रही है,
फिर से
तारों से भरे एक आसमान में
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