मैं फैसलों से तो, कतराता ना था
मैं ऐसा हर पल यूं, बदल जाता तो ना था।
मैं डर जाता हूं, आगे बढ़ने के ख्याल से
मैं, मैं हूं इस बात से, घबराता तो ना था।
तुने कर दिया है मुझे, जाने के क्या-क्या
संवारना मुझे ओर है, तराशना भी था।
जो टूट जा रही है, लय भी शेरों की
मैं शायर ग़ालिब था, बन गया हूं, क्या-क्या।
मैं, मैं बन गया हूं क्या अब
गुरूर, दर्द, तनहाई, जाने मैं था, क्या-क्या।
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