तेरे फिराक़ में कितनी अज़ीयत होती है
बीमार ख्वाबों की और ख़राब तबीयत होती है
आगे अच्छाई के झुक जाता है दीदा-ओ-दिल
क्या पता क्या दीन क्या शरीयत होती है
पल में अपना पल में बेगाना करते हैं
जाने कैसा दिल कैसी नीयत होती है
बातों को मेरी बाला - ए - ताक़ रख दो
मेरी आँखों में देखो,आँखों में असलियत होती है
न माँगा था न माँगेंगे हिस्सा -ए -माल -ओ -दौलत
दो चश्म एक चेहरा ही चाहने वालों की वसीयत होती है।
_निक हत
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निक हत
(निक हत)
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दुनिया तो हर पल बदलती है
देखना यह है की प्रेम और स्त्री
दोनों की स्थिति कब बदलती है
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देखना यह है की प्रेम और स्त्री
दोनों की स्थिति कब बदलती है
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Joined 11 July 2019
24 MAY 2023 AT 9:51
14 APR 2023 AT 22:28
कितने पुरसुकून थे मैं और मेरी एकतरफा मोहब्बत
उसने मेरी नियत जान ली, मुश्किल में डाल दिया।-
9 APR 2023 AT 14:59
मेरी आंखों के आगे से गुजरा एक तितली सा ख़्वाब
मैं तो लपक पड़ी फिर भी निशाना चूक गया।-
20 MAR 2023 AT 13:42
तेरी कोई चीज
मेरे किसी काम की नहीं
सिवाय इस सलाह के कि
मैं तुम्हें छोड़ दूं।-
20 MAR 2023 AT 1:19
इस धुआं
इस सुलगन की
बहुत आदत है मुझे
हवा क्यों देना
जब सबकुछ
राख ही हो जाना है।-