ना जाने इश्क़ था, या थी जंग,
पर खुद को हार चुके है अब हम।
-
नीतिका सक्सेना
(नीतिका)
806 Followers · 68 Following
वो पल जो कैद ना हो सके तस्वीरों में,
मैं उन पलों में जी भर जीना चाहती हूँ।
*अधूरा लिखते है* read more
मैं उन पलों में जी भर जीना चाहती हूँ।
*अधूरा लिखते है* read more
Joined 15 July 2017
20 JAN 2020 AT 2:34
हमसे, हमारे लहज़े में बात करने लगे है वो,
इस इश्क़ में 'मैं' से 'हम' होने लगे है वो।-
21 JUN 2019 AT 2:02
Not in the words, but in the moments
of silence with you, lies my poetry.-
14 JUN 2019 AT 0:38
घर के आंगन से मुँह मोड़ लेती हूँ।
मैं शहर की ऊँची दीवारों में जीती हूँ।-
13 JUN 2019 AT 22:59
महीनों माँ के आंचल को तरस जाते है,
हम घर से दूर, मकान बनाने जाते है।-
12 JUN 2019 AT 14:54
ज़माने की भी अजब कहानी है,
बेटी रुकना चाहे तो मनाही,और
बेटा जाना चाहे तो बदनामी है।।-