"नीर"   (अतरंगी_अल्फाज़)
1.9k Followers · 7 Following

मुझसे मिलने को आप आये हो,
बैठिए बुला के लाता हूँ..... जॉन एलिया
Joined 24 April 2018


मुझसे मिलने को आप आये हो,
बैठिए बुला के लाता हूँ..... जॉन एलिया
Joined 24 April 2018
8 JAN AT 17:27

एक पल में सौ पल जीना कैसा लगता है,
कोई पूछे तो बताएं ऐसा लगता है,
सारी दुनिया एक ही शख्स में नजर आती है,
उसी नज़र से सारा नज़ारा अच्छा लगता है।

-


5 JAN AT 20:40

हमारी खुशी में शामिल सारे ज़माने हैं,
एक वही नहीं, जिसके हम दीवाने हैं।
ढूंढ़ ही लेती है तन्हाईयां घर हमारा,
सब साथ होके भी हम बेगाने हैं।।

-


4 JAN AT 14:24

अपने किरदार पर पर्दा डाल कर रखिए,
ज़माने की नज़र आपके बदलने के इंतजार में है..

-


2 JAN AT 0:59

चेहरे से नक़ाब सरक रहा है थोड़ा थोड़ा करके,
शायद इश्क़ का खुमार चढ़ रहा है थोड़ा थोड़ा करके।

-


27 DEC 2024 AT 19:43

शिकायतें ख़त्म हो जाती गर मुस्कुरा देता,
ना मैं टूटती,ना तू बिखरा होता।।

-


8 DEC 2024 AT 23:33

सुनो ग़ुलाम हो जाते हैं इश्क़ में,
नीलाम हो जाते हैं इश्क़ में।
कोई कसर बाकी ना रहे,
बेईमान हो जाते है इश्क़ में।
इस क़दर डूबें इश्क़ में कि कोई मलाल ना रहे,
ना तेरा कोई सवाल रहे ना मेरा कोई सवाल रहे।
चाहत का सिलसिला यूं बरकरार रहे,
कसक ना रहे ना क़रार रहे।
चलो गुमनाम हो जाते हैं इश्क़ में,
बेपरवाह बेनाम हो जाते हैं इश्क़ में।

-


2 SEP 2024 AT 7:36

अब की बार थोड़ा सम्भल कर चलो,
मेरा साथ अब दूर तक नहीं...

-


1 AUG 2024 AT 23:02

तुम्हारी मुस्कुराहट के किस्से मशहूर होने लगे है,
लोग देखने को तुम्हें,मजबूर होने लगे हैं।
ख्वाहिश है उन्हें महलों में राज़ करने की,
हम उसी महल को तराशने में मज़दूर होने लगे हैं।।

-


31 JUL 2024 AT 8:56

ये खुले आसमान में इतरा रहा चांद देखो,
बेपरवाह है,चांदनी को ताक रहा है देखो।
वो एक शख्स जो बर्बाद होके बैठा है,
दीवानों को झूठी तसल्ली दे रहा है देखो।
वो कहता था अब मैं मिलूंगा नहीं,
मुझ ही को वो अब तलाश रहा है देखो।
सलीका नहीं झूठ कहने का उसको,
हक़ीक़त को सच में बता रहा है देखो।
मुश्किल नहीं कोई मरने में लेकिन,
वो जी के सभी को बता रहा है देखो।
बनाया था घर बुजुर्गों ने पसीने से,
नस्लें उन्हीं को उजाड़ रही है देखो।

-


31 JUL 2024 AT 0:42

फेर के मुंह चले गए तो क्या हो गया,
ऐसा कौन सा पहली दफा हो गया।
ना शिकायत है ना इल्तज़ा आपसे,
हमें तो बदले हुए ज़माना हो गया।।

-


Fetching "नीर" Quotes