एक पल में सौ पल जीना कैसा लगता है,
कोई पूछे तो बताएं ऐसा लगता है,
सारी दुनिया एक ही शख्स में नजर आती है,
उसी नज़र से सारा नज़ारा अच्छा लगता है।-
बैठिए बुला के लाता हूँ..... जॉन एलिया
हमारी खुशी में शामिल सारे ज़माने हैं,
एक वही नहीं, जिसके हम दीवाने हैं।
ढूंढ़ ही लेती है तन्हाईयां घर हमारा,
सब साथ होके भी हम बेगाने हैं।।-
अपने किरदार पर पर्दा डाल कर रखिए,
ज़माने की नज़र आपके बदलने के इंतजार में है..-
चेहरे से नक़ाब सरक रहा है थोड़ा थोड़ा करके,
शायद इश्क़ का खुमार चढ़ रहा है थोड़ा थोड़ा करके।-
शिकायतें ख़त्म हो जाती गर मुस्कुरा देता,
ना मैं टूटती,ना तू बिखरा होता।।-
सुनो ग़ुलाम हो जाते हैं इश्क़ में,
नीलाम हो जाते हैं इश्क़ में।
कोई कसर बाकी ना रहे,
बेईमान हो जाते है इश्क़ में।
इस क़दर डूबें इश्क़ में कि कोई मलाल ना रहे,
ना तेरा कोई सवाल रहे ना मेरा कोई सवाल रहे।
चाहत का सिलसिला यूं बरकरार रहे,
कसक ना रहे ना क़रार रहे।
चलो गुमनाम हो जाते हैं इश्क़ में,
बेपरवाह बेनाम हो जाते हैं इश्क़ में।-
तुम्हारी मुस्कुराहट के किस्से मशहूर होने लगे है,
लोग देखने को तुम्हें,मजबूर होने लगे हैं।
ख्वाहिश है उन्हें महलों में राज़ करने की,
हम उसी महल को तराशने में मज़दूर होने लगे हैं।।-
ये खुले आसमान में इतरा रहा चांद देखो,
बेपरवाह है,चांदनी को ताक रहा है देखो।
वो एक शख्स जो बर्बाद होके बैठा है,
दीवानों को झूठी तसल्ली दे रहा है देखो।
वो कहता था अब मैं मिलूंगा नहीं,
मुझ ही को वो अब तलाश रहा है देखो।
सलीका नहीं झूठ कहने का उसको,
हक़ीक़त को सच में बता रहा है देखो।
मुश्किल नहीं कोई मरने में लेकिन,
वो जी के सभी को बता रहा है देखो।
बनाया था घर बुजुर्गों ने पसीने से,
नस्लें उन्हीं को उजाड़ रही है देखो।-
फेर के मुंह चले गए तो क्या हो गया,
ऐसा कौन सा पहली दफा हो गया।
ना शिकायत है ना इल्तज़ा आपसे,
हमें तो बदले हुए ज़माना हो गया।।-