स्वाल ये नहीं तुझे वफ़ा या बेवफ़ा लिखता हूँ ।।
मलाल ये है तुझे हर जगह हर दफ़ा लिखता हूँ ।।
"प्राचीनिर्मल"-
नीर 🍂🍂
(Ne•pen•the)
169 Followers 0 Following
I will find you & make you laugh
Poet✍✍ Mentalist🧠 Healer 🌸🌸
Poet✍✍ Mentalist🧠 Healer 🌸🌸
Joined 8 July 2021
29 OCT 2021 AT 1:05
14 OCT 2021 AT 11:16
छाओं याद लाई ज़ुल्फ़ तुम्हारी..
धूप लाई माथा और परछाई पाओं ..
सुबह याद लाई आंखें तुम्हारी..
दोपहर लाई गाल और रात पलकें..
चादर याद लाई बांहे तुम्हारी ..
तकिया कांधे और लिहाफ उंगलियां ..
तन्हाई याद लाई लब तुम्हारे ...
जाने वो कौनसा पहर कौनसी शय होगी ..
जो ले आए तुम्हे और बस तुम्हे...
"प्राचीनिर्मल"-
28 SEP 2021 AT 15:48
तेरी बे-वफ़ाई पर पर्दा डालेंगी ।।
इन्हे कौन समझाये अब शर्मिंदा नही हूँ मैं।।
तेरी यादों की ज़िद्द है क़त्ल कर डालेंगी ।।
इन्हे कौन बताए अब ज़िन्दा नही हूँ मैं ।।-
13 SEP 2021 AT 14:00
ना ख़ुशी को लिखूं.. ना गम को लिखूं..
ना "तुम" ना "मैं"..बस "हम" को लिखूं..-
11 SEP 2021 AT 20:19
तुम्हे ही सहना है गम जुदाई का।।
मेरा क्या है मैं तो मर ही जाऊंगा ।।
"प्राचीनिर्मल"-
8 SEP 2021 AT 22:44
He buried all her memories..
But every night he visits the grave to make sure that all are buried..
-