विशेष हो तुम,
कोई अवशेष नही,
हो रहे क्लेश कई,
तुम हो तो कोई द्वेष नही।
ये मेरा दुर्भाग्य है
हो रहा सब वैराग्य है
तुमसे मिलना मेरा सौभाग्य है।
शुरू से अंत तक,
आने वाले वसंत तक,
हम मिल रहे अनंत तक,
कर रहे सब विरोध है,
तुमसे मेरा अनुरोध है,
आ रहे कई अवरोध है।
प्रेम के पीर में,
हो रहे सब अधैर्य है,
रखना थोड़ा धैर्य है।
निधि!!
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Proud to be Bihari..❤️
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जी भर के तुम्हें देख लूं तो तस्सली हो,
अभी दिया मत बुझाओ रात बांकी है।-
तुम अपने परिस्थितियों से लड़ सकते हो,
लेकिन खुद से नही,
खुद से लड़ना बहुत कठिन है,
खुद के विरुद्ध खड़े रहना बहुत कठिन है।-
कहां जा कर रोऊं मैं?
कहां छिप कर बैठूं मै?
तनहाई अक्सर मुझे ढूंढ लेती है,
आंखें अक्सर नम हो लेती है।
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आओ जरा बैठो सामने,
अपनी आंखो में तो खोने दो।
मोहब्बत की है तुमसे,
जरा महसूस तो होने दो।-
प्रिय तुम,
तुमको याद है जब हम पहली बार मिले,
आसमान में एक ढलते हुए सूरज की तस्वीर बनी थी,
उस तस्वीर को देखकर , तुमने अपने अंदर उठे तूफानों को मेरे समुंद्र में शांत करवाया था।
और तुम्हारी इस अनुरोध से ,मैं अपनी शर्ते हार गई।-
मैं अपनी दुःख और खुशी दोनो के लिए खुद जिम्मेदार हूं,
क्योंकि मैं आज़ाद हूं।-
तुम NIT घाट से ,
मैं तुम्हारे बीच बहती गंगा प्रिय
तुम किस्सा बेपनाह मुहब्बत का,
मैं छोटी सी ख़्वाब प्रिय।
तुम हारे हुए लोगो के सवाल हो,
मै हर एक सवाल की जवाब प्रिय।-