Nidhi Singh   (निधि)
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Joined 9 January 2020


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6 JUL 2023 AT 11:48

ओ लड़की!
नूतन भारत के जन पथ पे शौर्य नये नित गढ़ना तुम ,
आकाशों के पार उड़ो, पर ज्योती मौर्य न बनना तुम ।
जौहर करती पद्मावती हो तुम ,
मां अनुसूया सी सती हो तुम ,
सुनो! विदुषी क्यों भटक रही हो,
मर्यादित कर्णावती हो तुम
तुम गंगा हो, वसुधारा हो,
तुम पावन हो, जा़रा हो
मर्यादाओं का उपवन हो तुम ,
प्रेम मधुर वृन्दावन हो तुम ,
कुबुद्धि ,कुतर्क, दुरभिक्ष चौर्य न बनना तुम ,
आकाशों के पार उड़ो पर ज्योती मौर्य न बनना तुम ।
#jyotimaurya

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30 JUN 2023 AT 12:39

एक शख्स क्या गया, की पूरा काफिला गया
तूफ़ा था तेज पेड़ को,जड़ से हिला गया..
जब सल्तनत से, दिल का राजा ही चला गया
फिर क्या मलाल, तख़्त गया या किला गया...!!

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1 JUN 2023 AT 17:26

पहलवान तो खुद बदनाम हो रहे हैं
वरना बृजभूषण में कहां इतना दम था
मैडल गंगा में इसीलिए नहीं बहाए
शायद वहां पानी कम था!!😄😄😂

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8 MAR 2023 AT 18:32

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के शुभ अवसर पर सभी को बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं 🙏

नहीं हूँ मैं कोई छुई-मुई
ना ही कोमल सुकुमारी
न चक्षु अश्रु बहाती अबला
देखो सब पर हूंँ मैं भारी।

अगम्य पर्वतों पर चढ़कर
फहराऊंँगी मैं विजय पताका
बनूंँगी सबब छवि उनकी
जिनके मुख पर है निराशा।

छोटे-छोटे कदम बढ़ाकर
आसमां छूना लक्ष्य है मेरा
सब बाधाओं को तोड़कर
अब लाएंगे एक नया सवेरा।

बेटी हूंँ ना किसी से कम
कोई मुझे क्या ललकारेगा
एक बार दिल में है ठानी
सारा ब्रह्मांड मुझे पहचानेगा।

मैं आगाज़ हूं इस सदी की
नहीं मुझमें है कोई हीन भावना
दुर्गम रास्तों से न भय मुझे
आता गिरि का रुख मोड़ना।

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13 DEC 2022 AT 22:33

तुम मेरे लिए महज एक जीवनसाथी, ही नहीं हो प्रिये।... मेरा अक्षर, मेरा व्यक्तित्व और मेरा समस्त बौद्धिक सार हो तुम.. 😘

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2 OCT 2022 AT 9:48

जिन माँओं ने बेटियों को सीख दी कि,
ठहाका भाई का है, तुम मुस्कुराओ !
दूध वो पी लेगा, तुम चाय ले जाओ!
उसे जाने दो बाहर, तुम घर ठहर जाओ!
अभी उसे और सोने दो, तुम उठ जाओ!
देखने दो उसे मैच, तुम रसोई में जाओ!
उसके लहज़े में ही रौब है, तुम ज़रा धीमे बतियाओ !
उसकी बात काट रही? जुबान पर ज़रा लगाम लगाओ !
उसे तो यहीं रहना,तुम ढंग-तरीकों में ढल जाओ,
वे माएँ ज़रूर किसी
बेबस माँ की बेटियां रही होंगी !
बस, तुम वैसी मत बनना !
हो सके तो,
अपनी बेटी के लिए सिर्फ पंख बुनना !

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19 SEP 2022 AT 10:24

शीतल सी एक हवा है
बेटी सब रोगों की दवा है
बेटी आँगन की तुलसी है
बेटी पूजा की कलशी है
बेटी सृष्टि है बेटी दृष्टि है
बेटी शक्ति है बेटी भक्ति है

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1 SEP 2022 AT 15:36

कितना दूर होना पड़ता है माँ से
एक माँ बनाने के लिए...😐😐

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12 AUG 2022 AT 0:04

★ बड़े होकर भाई-बहन ★
❓ कितनी दूर हो जाते हैं. ❓
इतने व्यस्त हैं सभी, कि ...
मिलने को भी मजबूर हो जाते हैं.
एक दिन भी जिनके बिना ...
रह नहीं सकते थे हम.
सब ज़िन्दगी में अपनी ...
मसरूफ़ हो जाते हैं.
छोटी-छोटी बात बताए बिना ...
रह ऩहीं सकते थे हम.
अब बड़ी-बड़ी मुश्किलों से हम ...
अकेले जूझते जाते हैं.
ऐसा भी नहीं कि उनकी ...
अहमियत नहीं है कोई.
लेकिन अपनी तकलीफें ...
जाने क्यों उनसे छुपाते हैं.
कुछ नए रिश्ते जिन्दगी से ...
जुड़ते चले जाते हैं.
और ... बचपन के ये रिश्ते ...
कहीं दूर हो जाते हैं.
खेल-खेल में रूठना-मनाना ...
रोज-रोज की बात थी.
अब छोटी सी गलतफ़हमी ...
दिलों को दूर कर जाती है.
सब अपनी-अपनी उलझनों में ...
उलझ कर रह जाते हैं.
कैसे बतायें उन्हें हम, कि ...
वो हमें कितना याद आते हैं.
वो जिन्हें हम एक पल भी ...
भूल नहीं पाते थे.

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26 JUL 2022 AT 16:15

महज "कामना " करना,
लेकिन "काम" न, करना...
यही हमारी हार का मुख्य कारण है ||

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