एक दिन पर्दा उठेगा इस जहां के नाटकों से,
और खुल जाएंगे सारे राज़ जो सबने छिपाए।-
🤔 thinker
🌿 nature lover
🌸 yoga therapist
Insta- wlcm2_myworld
Facebook- nidhishar... read more
अश्क रुकने का नाम नहीं लेते,
इश्क़ उन्हें बहने नहीं देता।
अश्क चाहते हैं हर राज़ खोलना,
पर इश्क़ कुछ कहने नहीं देता।-
छल, कपट, फरेब इस चेहरे के ही नक़ाब हैं।
दिखते सब मासूम हैं अंदर से सब ख़राब हैं।-
मेरी हस्ती मिटाने से, ना हासिल कुछ तुझे होगा,
मैं शातिर सी खिलाड़ी हूं, तेरे भीतर ही रहती हूं।-
अंदर के शोर ने तुम्हें यूं , खामोश कर दिया,
और ये खामोशी जहां में, शोर पैदा कर गई।-
चाहती हूं अब एक सीढ़ी लगाई जाए,
आसमां तक जाने की राह बनाई जाए,
जमीन पर तो खुदाओं की बहुत तादात है,
खुदा ढूंढने की इक नई बाज़ी लगाई जाए।-
इक लम्हा था जो गुज़र गया,
इक आंसू था जो ढलक गया,
जाने किस बात की जल्दी थी,
जो ज़मीं छोड़ वो फलक गया।-
इश्क़ और उससे.. हा हा..
आप भी क्या खूब मज़ाक करते हैं।
अजी वो खुदा है हमारा,
हम उसकी इबादत बेहिसाब करते हैं।-
जिस दिन आंखों से मेरी हंसी खो जाएगी,
और ये आवाज भी खामोश हो जाएगी,
उस दिन तुम्हें मेरी बहुत याद आएगी।
जब ये हवा भी हौले से लहराएगी,
सूरज पर भी काली बदली सी छाएगी,
हां,उस दिन, तुम्हें मेरी बहुत याद आएगी।
जब ये धरती भी अंबर से मिल जाएगी,
और ये रूह भी जिस्म से उड़ जाएगी,
उस दिन तुम्हें मेरी बहुत याद आएगी।
जब जब ये बारिश तुमसे टकराएगी,
जब जब ये रात चांदनी लेकर आएगी,
तब तब तुम्हें मेरी बहुत याद आएगी।-