आंखों का फैसला है इश्क़ से अलहदा होने क़ा,
अश्क़ ज़ब्त करने की सलाहियत न रही उनमें।-
तो आप शौक पूरा कीजिए......
हमें तो बस ल... read more
कभी इस तरह से भी अपनी खता कबूल किया करो,
गर हो जाये कुछ गलत तो उसे दुरुस्त कर दिया करो।
टूट जाए घर या किसी का दिल जोड़ने की कोशिश किया करो।
सिर्फ़ अफसोस भरी नज़र से देख कर गुज़र न जाया करो।-
गुज़र जाते है बीते लम्हे चल रहा वक्त भी कहीं नहीं रुकता ,
इंसान और वक़्त की फ़ितरत में भला कहाँ है ठहर जाना ।
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जुदाई के स्याह अंधेरे में बुझे हुए दिल को मह-ए-कामिल सा लगता है,
जब तेरे खामोश एहसासों से अचानक इश्क के लफ्जों का सैलाब उमड़ता है।-
एक वही है,
घड़े की सौंधी खुशबू सा।
जो प्यास बुझाता नहीं,
तृप्त भी करता है मन को।
जिसके होने भर से,
ठीक हो जाता है सब।
जिसकी ऊर्जा हर लेती है,
हर ताप,विषाद।
मंदिर के दीपक सी रोशनी है,
जिसके प्यार में ।
आत्मा के रोम रोम को आह्लादित,
और मन को प्रफुल्लित कर जाती है,
उसके साथ की भीनी भीनी सुगंध।
सारी शिकायतें हवा के झौकें सी,
उड़ा ले जाती है उसकी एक मुस्कान।
आँखों से जाने कितना कुछ कह जाती है,
उसकी खामोश मोहब्बत।
मासूमियत से उसके रोकने की अदा,
रूठने का मौका भी चुरा ले जाती है।-
इत्मिनान से अलहदा होने वाले को ज़रा इत्तिला कर दो
मोहब्बत में हद से ज्यादा एतमाद अच्छा नहीं होता।-
बगैर तेरी आहट के बेहद खामोश सी है वक़्त की हर घड़ी,
यूं निकहत- ऐ -उन्स किसी दस्तक की मोहताज तो नहीं।-
ईश्वर का वरद हस्त हो
अपनों का प्यारा साथ,
खुशी और सुकून का मिले
आपको हर पल अहसास ।
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खोने -पाने का वो कभी हिसाब नहीं रखता है,
मासूम है, दिल में बस तमाम खुशियां रखता है।-
वो जिंदगी भर अजनबी रहे साथ रहते हुए भी,
काश !साथ रहना साथ होने की गवाही देता।
तमाम उम्र बिताई दोनों ने साथ मुस्कराते हुए,
पर होठों की मुस्कान आंखों तक पहुंच ना सकी।-