Nidhi Sahu   (Nidhi Sahu)
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Joined 15 November 2017


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Joined 15 November 2017
13 JAN 2022 AT 23:33

।। कभी बदलाव देखा है ।।

कभी बदलाव देखा है
हम खास लोगो की
नज़र में, फिकर में
चलते-चलते किसी
सफर में

कभी बदलाव देखा है
मदमस्त सी आँखो की
चमक में, सिहर में
कहते-कहते बातों की
कसर में

कभी बदलाव देखा है
उस चरमराई सी देह की
उमर में,सूरत में
रूठे-छूटे मिलने के
असर में

कभी बदलाव देखा है
हारे हुए के हौंसलो की
डगर में, शिखर में
गिरते-उठते पानें की
लहर में।।

--------'निधि साहू'

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31 DEC 2021 AT 23:01

#साल का अंतिम दिन

खत्म हो रहा साल आज तो
नया साल कल आएगा
अपने संग ना जाने कितने
पावन पर्व वो लाएगा
पहले से चल रही जिंदगी
में एक वर्ष बढाएगा
कहीं भिन्न अपेक्षा,भिन्न इरादो
को दस्तक दे जाएगा
साथ छूटता कहीं किसी का
कहीं नये लोग मिलवाएगा
कम उत्साहित मन में शायद
खुशियों की झंकार सुनाएगा
भागदौड तो होगी उसमें
पर अपनेपन को वो महकाएगा
यही प्रार्थना है ईश्वर से कि हर
सवेरा आनन्द के फूल खिलाएगा।।

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15 DEC 2021 AT 13:36

माँग के देखो उससे कुछ तुम
कुछ तो शायद मिल जाएगा
हो रुका हुआ हो बरसो से चाहे
कहीं अंत खुशी का लाएगा।

ऐसे तो नजाने कितने ही
कई ख्वाब पनपते-बिखरते हैं
नामुमकिन लगते कदम कभी
जयघोष का दम भी भरते हैं।

अट्ठाहस करते लोगो का
जमघट निरसन हो जाएगा
जब धैर्य बनाए डटा रहेगा
तब जीवन का असल रस तू पाएगा।



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10 DEC 2021 AT 23:15

इन आँखों को सुकून तभी आता है
चेहरा जब खुद खिला-खिला सा
मनभावन सी धुन गाता है
पंखुडियों से होंठों पर
मुस्कान की झलक दिखाता है
इन मन्द-मस्त हवाओं के झोंकों में
बेपरवाह वो बन जाता है
आता जाता हर पल ही उसको
हंसीन नज़र आता है😊

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13 OCT 2021 AT 11:37

सुबह ने कहा, चल आज थोड़ा खिलखिलाते हैं
कुछ कम हसीन बातों को, चल भूल जाते हैं
मुस्कुराती हुई अच्छी लगती हो तुम
इस सुहाने समय को, चल अब न गँवाते हैं

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5 AUG 2021 AT 10:28

बेखौफ सी होंऊ मैं
हों बेखौफ मेरी मुस्कुराहटें
बेमिसाल सी हो जिंदगी
हो मनभावन मेरी आदतें
मासूमियत रहे अछूती
संभव हो छोटी-छोटी ख्वाहिशें।

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23 JUL 2021 AT 23:15

🍂*WHEN THE THINGS DOESN'T COME OUT*🍂

When the things doesn't come out
You think a lot, get angry and shout
You behave like a demon and
Cry bitterly with a self doubt

When the things doesn't come out
Your heart pumps fast and beat is loud
Mind and Soul get struck in thought's crowd
Your smile gets covered under a shroud

When the things doesn't come out
You get afraid of sharing about
It makes you count your mistakes throughout
Sleep works as a tranquilizer
That makes you calm but conclusion without

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7 JUL 2021 AT 23:33

*नहीं जानती हूं मैं सबका*

नहीं जानती हूं मैं सबका
कि उलझन में फंस जाने पर
कौन उन्हें सुलझाता है
छोटी-छोटी बातों को
कौन उन्हें बतलाता है

नहीं जानती हूं मैं सबका
किलाख छुपाए जाने पर भी
वह मन भेद जान ही जाता है
नहीं बहुत बड़ा हो चाहे खुद भी चाहे
पर प्यार खूब लुटाता है

नहीं जानती हूं मैं सबका
कि खुद से ज्यादा आप पर
विश्वास कौन दिखाता है
जिम्मेदारी लेकर खुद सारी
खुशियां चेहरों पर सबके लाता है

नहीं जानती हूं मैं सबका
कि उनका आदर्श कौन बन पाता है
पर हिम्मत देता चेहरा तुम्हारा
सामने सदा ही आता है
❤❤
Love you Jiji

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24 JUN 2021 AT 9:44

WHAT IS THE DIFFERENCE BETWEEN BEING MATERIALISTIC AND FEEL LOVED???

I am unable to find who is actually correct at this place, What the girl should have done?....🤔

A girl came into a relationship. They were enjoying their company. Few months later girl's b'day was about to come and she was asked, What is your waist size?,Which number top do you wear? Your shoe size? ,The flowers you love?,Which one is your favourite chocolate?, Do you use perfume ? Food you like most? and many other things like this.
I think this is obvious that everyone starts imagining that oooo is something going to be special if one asks !!!😀
They met not on birthday but before .she had little curiosity what is there for her...........What do you think what she could have got??

Hahahah the answer is 'NOTHING', not even a chocolate 😅
Now my question is that should the girl had expected at that time as it was not a promise or it was her being materialistic thought or there was fault of a boy too. Though the girl had no expectations but it hurted her. I think the girl was getting greedy.
You tell yours opinion!

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1 JUN 2021 AT 21:38

जब लगने लगे निरर्थक ये
जीवन में होना जन्म- मरण

जब उद्देश्यहीन हो राहें वो
और मिलता ना हो प्रश्नो का उत्तर

जब धैर्यहीन हो जानें पर
छुप जाता हो सारा आत्मबल

जब ख़ामोशी हो जग में सारे
पर मन में हो ढेरो उथल-पुथल

उस क्षण में खुद को थाम लिया
कह दिया आसमाँ है भीतर

मुश्किल हों अंगद के पाँव सी
पर रौशन होगा सब आज या कल

चेहरे पर छायी उदासी पर
निखरेगी मोती सी चमक।

__________________________निधि साहू













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