Nidhi Parmar   (Nidhi)
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6️⃣💖 November
Joined 17 August 2020


6️⃣💖 November
Joined 17 August 2020
7 JUN AT 8:59

बड़े ही खुशनुमा वहम थे
कि हम उनकी
जिंदगी में अहम थे..!

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28 MAY AT 19:13

आजकल के ये रिश्ते-नाते,
एक-दूसरे को कभी न भाते।

दूसरे की कामयाबी देख,
जलन भाव से भर जाते।

जरुरत के वक्त पर भी,
कभी नहीं हैं काम आते।

गैरों की बातों में आकर,
एक-दूजे से ठोकर खाते।

अपना भला ही सोचते हैं,
बस मतलब से आते-जाते।

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27 MAY AT 13:54

If your heart were a lily, I'd bury mine into the earth to be your home.

If your heart were an ocean, I'd be the river that always finds its way to you.

If your heart were a storm, I'd happily sacrifice my calm at the altar of love.

If your heart were grief, I'd trade happiness for it.

If your heart were a bird, I'd give you the entire sky.

If your heart were mine, I'd be the happiest person in the world.

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15 DEC 2024 AT 19:03

कभी लफ्ज़ों से, कभी खामोशी से
दिल की बात होती है, तेरे साथ ये ज़िन्दगी जैसे पूरी सी लगती है।

ख्वाबों में भी अब तेरा चेहरा अच्छा सा रहता है, तेरे साथ हर रात की चाँदनी पूरी सी लगती है।

तू पास हो तो वक्त थम जाता है, यूँ लगता है, तेरे साथ हर पल की सूरत भी बेकरार सी लगती है।

ज़िन्दगी की राहों में खो गया हूँ मैं कहीं, तेरे साथ हर मंजिल भी अब हसरत सी लगती है।

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10 MAY 2024 AT 0:13

तेरे लिए तो क्या ही क्या ही लिखूं।।
पूरा सच तू समझ नही पाया
और आधा सच में बता भी नही पाई।।

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21 NOV 2023 AT 10:46

They said I changed a lot.

I said a lot changed me.

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19 NOV 2023 AT 14:09

What is the most urgent?
When you see someone else in your place ...

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29 JUL 2023 AT 19:27

मेरा मन कहीं नहीं लगता अब ! इस अकेलेपन में घुटन होती है मुझे.. मैं कहीं दूर जाना चाहती हूँ। इतना दूर की कोई कभी मुझे ढूँढ न पाए। पता नहीं मेरा मन ऐसा क्यूँ होता जा रहा है कोई अच्छा नहीं लगता मुझे अब अकेला भी हु तो ऐसा लगता है जैसे ये दीवारे मुझे खा जायेगी।

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29 JUL 2023 AT 15:57

कौन हूँ, कहाँ हूँ, क्या हूँ, क्या नहीं हूँ मैं खुद से खुद पे दस्तक दी और कह दिया नहीं हूँ मैं

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26 JUL 2023 AT 19:21

कितनी सफाई दूं,
कितनी गवाही दूं,
जब गलत हूं ही मैं...
तो सही होने की कैसे दुहाई दूं...?
ठीक हैं जैसा समझना हैं वैसा समझ लो चुप हूं मैं...
बेगुनाही की अब और क्या सफाई दूं...?

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