कुरेद गया कोई दिल मेरा, कोई ज़ख़्म भर गया,
बिन बहाए आँसुओं से, सब की झोली मैं भरता हूँ !
जी उठता हूँ, जब खुशियोँ से, भर जाता है आँगन,
कभी मासूमियत की आँखों में, खौफ़ देख मैं डरता हूँ !
दब गई थी चीखों से, छोटी-छोटी किलकारियाँ,
तब भी खड़ा मैं मौन, कभी अंदर से मरता हूँ !
कोई तर गया, कोई छलनी कर गया,
आसरा दिया सभी को, सुकून की सेज पर जचता हूँ !
चाहे हो सही चाहे हो ग़लत,
खुदा करे माफ़ मुझे, सब का भला मैं करता हूँ !
स्थावर भले हो नियति मेरी, मैं अपना फ़र्ज़ निभाता हूँ ! Nidhi
आख़िर, बनकर एक याद पुरानी, सब को याद मैं रखता हूँ !!!— % &-
Why should I shine,
only when a birthday is mine ?
No doubt, I have a long life,
with lots of funny crime.
Let's drop the degree of tear,
And do the PHD on smile, my dear.
What if some idiot is trying,
to ruin your dreams ?
skip that part and walk away
from that scheme.
Life is so beautiful...Nidhi
always keep smile.
Broken my soul but
let's cheer for a while.— % &-
Nidhi
આંખોને તો ચેતવણી સમજાઈ ગઈ...
પણ એની વ્યથા કલમથી ઢોળાઈ ગઈ !!!-
कभी नहीं ठहरते पल को भी ज़हन में रखा है,
आँखों से बहे नहीं पाते जो जज़्बात, Nidhi
उन्हें भी अल्फ़ाज़ बनाकर क़लम में रखा है !!!-
दूर फ़िज़ामें देख, क्यूँ ख़्वाहिशें मैं झेलूँ ?
क्यूँ ना चाँद संग, थोड़ी लुकाछुपी खेलूँ ?
गिरुँ मैं कभी बारिश की बूँद-सी,
उडूँ मैं कभी पँछीयों के झुंड-सी ! Nidhi
कयूँ ना बादलोँ के बीच, मख़मली ख़्वाब मैं बुनु ?
या फिर... तेरे संग बीते, क़ुछ पलों को चुनु ???-
ज़र्रा नवाज़ी आपकी...
पेश-ए-ख़िदमत मक़बूल करें !
बेइंतेहा इश्क़... ए सबब... Nidhi
पर्दा-ए-तहज़ीब कुबूल करें !!!-
जो चाहिए वही मिले...
तू चाहत में क्या क़ुछ खोता है !
पूरे चाँद की ख़्वाहिश ना कर, Nidhi
आधा चाँद भी प्यारा होता है !!!-
कोई कहे गुलाब है तू...
कोई कहे लाज़वाब है तू...Nidhi
तलाश उस शख़्स की मुझे जो कहे,
काहे उदास बेहिसाब है तू ???-
इंसानियत ने आजकल ज़िम्मेदारीयाँ छोड़ी है,
बेशक़ीमती इज़्ज़त की क़ीमत आज कोड़ी है !Nidhi
धर्म-विधर्म के पड़े भँवरमें, अरे इंसान ये तो बता...
क्या कभी खुदा ने मंदिर तोड़ा है ?
या राम ने मस्जिद तोड़ी है ???-
સ્વાર્થી છે દુનિયા, છતાં અલમસ્ત છું, Nidhi
સ્વાદિષ્ટ છે લાગણીઓ, એ સંબંધમાં વ્યસ્ત છું.-