Nidhi Lavaniya   (Nidhi Lavaniya)
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Joined 5 November 2018


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21 NOV 2024 AT 22:38

उसे किसी और के साथ हसता देख ,
मैं रोया रात भर,,,,
रब्बा मेरी तक़दीर देख,,
मुझे अपना बता कर,
मुझसे दूर जाने वाले,
ले आखिरी बार मेरी आँखों में
अपने लिए प्यार देख,
तूने तो देखे हैं कितने ही हसीन मंजर,
जा बेवफ़ा अब मेरी बर्बादी के आलम देख।

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21 NOV 2024 AT 22:31

तू ना सही, तेरी बातें सही,
जिंदगी जीने को तेरी यादें सही,
कट जायेंगी ये सर्दियां, तेरे एहसास से,
बरसातों मे तन्हाई के आंसू सही,
कहने को तो बिताए हैं, चंद दिन साथ,
पर बिछड़ने में लगी हमें सदियां कई,,
ले गया वो जाने वाला मेरे सारे जज़्बात,
खुशियां फिर लौट के इन लबों पर आई ही नहीं,,,
मैं उसे रोक भी लेती तो क्या करती,
उसकी आंखों ने कही थीं, मुझसे सच्चाइयां कई।
वो जो निभाते है अधूरा इश्क भी पूरी शिद्दत से उन शायरों की लाइन में,
एक नाम निधि का भी सही।

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8 JUL 2024 AT 23:05

पहले तुम से, फिर तुम्हारी यादों से दूरी बनाऊंगी,
कुछ इस कदर मैं धीरे धीरे, तुम को भुलाऊंगी,,
याद तो करूंगी हर पल तुम्हे मगर,
जो पूछोगे हकीकत तो मुकर जाऊंगी
जो समझना चाहो हाल ए दिल तो,
आंखों को पढ़ना...
मुकर जाऊ अगर किसी बात से तो
वो सवाल दोबारा ना पूछना
जहां होगा तेरा ज़िक्र, भरी महफ़िल से उठ जाऊंगी
कुछ इस कदर आहिस्ता आहिस्ता मैं खुद को मिटाऊंगी
यूं तो लिख दूंगी मैं , हर गज़ल तेरी याद में ,
पर तन्हाई में, ये आसूं कैसे छुपाऊंगी,,
पहले तुम को, फिर तुम्हारी यादों को भुलाऊँगी।।।

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25 MAR 2023 AT 22:55

रात ढली और ढलती चली गई, 🌃
कुछ इस कदर बात बिगड़ी ..
और बिगड़ती चली गई...............
वो टूटा और टूट कर बिखर गया..
.... मैं पूरी की पूरी उसमे सिमटती चली गई......

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21 MAR 2023 AT 23:32

रात ढली और ढलती चली गई,
कुछ इस कदर बात बिगड़ी
और बिगड़ती चली गई......
वो टूटा और टूट कर बिखर गया,
मैं उसमे सिमटती चली गई. .............

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16 MAR 2023 AT 23:03

तेरे साथ का सफ़र, थोड़ा छोटा , लेकिन सुहाना रहा!
ये यादें, वो वादे, हर पल में, जैसे एक फसाना रहा!
इश्क़ खेल है शतरंज का , और
हमने सब कुछ लगा दिया दावँ पर
कौन जीता, कौन हारा,
_तमाशबीन_ये सारा_ जमाना रहा!

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16 MAR 2023 AT 23:01

तुझे पा लेने की खुशी 😊
तुझे खो देने का डर, 😟
मुकम्मल हैं यादें तेरी😇
पर बहुत छोटा रहा हमारा ये सफर🙃
कभी याद आए तुझे हमारी, तो देखना मुड़ कर🥺
हम मिलेंगे तुझे उसी आखिरी मोड पर!!🥲

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3 FEB 2023 AT 0:20

ये जो आखिरी साँसें गिन रहा है,
रिश्ता दिल का है, और अब
दिल ही नहीं लग रहा है।

कौन, कब, कैसे,
किस मोड़ पर छोड़ जाए
क्या पता,
बात तो वक़्त की ,
जो आज कल सब का खराब चल रहा है


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3 FEB 2023 AT 0:17

करवट बदलती रातें
बेचैनी से कट रही हैं।

तू कल सुबह मेरा होगा या नहीं
ये मुझसे सवाल कर रही हैं।।

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27 DEC 2022 AT 22:58

लिखती जरूर मैं हूँ,

पर आप पढ़ते मुझे नहीं,,

वो तो शख्सियत है किसी और कि,

जो इन शब्दों में झलकती हैं।।।

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