उसे किसी और के साथ हसता देख ,
मैं रोया रात भर,,,,
रब्बा मेरी तक़दीर देख,,
मुझे अपना बता कर,
मुझसे दूर जाने वाले,
ले आखिरी बार मेरी आँखों में
अपने लिए प्यार देख,
तूने तो देखे हैं कितने ही हसीन मंजर,
जा बेवफ़ा अब मेरी बर्बादी के आलम देख।
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Brijwasilav. @nidhilavvbn
या तो हुआ है इश्क़ सभी ... read more
तू ना सही, तेरी बातें सही,
जिंदगी जीने को तेरी यादें सही,
कट जायेंगी ये सर्दियां, तेरे एहसास से,
बरसातों मे तन्हाई के आंसू सही,
कहने को तो बिताए हैं, चंद दिन साथ,
पर बिछड़ने में लगी हमें सदियां कई,,
ले गया वो जाने वाला मेरे सारे जज़्बात,
खुशियां फिर लौट के इन लबों पर आई ही नहीं,,,
मैं उसे रोक भी लेती तो क्या करती,
उसकी आंखों ने कही थीं, मुझसे सच्चाइयां कई।
वो जो निभाते है अधूरा इश्क भी पूरी शिद्दत से उन शायरों की लाइन में,
एक नाम निधि का भी सही।
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पहले तुम से, फिर तुम्हारी यादों से दूरी बनाऊंगी,
कुछ इस कदर मैं धीरे धीरे, तुम को भुलाऊंगी,,
याद तो करूंगी हर पल तुम्हे मगर,
जो पूछोगे हकीकत तो मुकर जाऊंगी
जो समझना चाहो हाल ए दिल तो,
आंखों को पढ़ना...
मुकर जाऊ अगर किसी बात से तो
वो सवाल दोबारा ना पूछना
जहां होगा तेरा ज़िक्र, भरी महफ़िल से उठ जाऊंगी
कुछ इस कदर आहिस्ता आहिस्ता मैं खुद को मिटाऊंगी
यूं तो लिख दूंगी मैं , हर गज़ल तेरी याद में ,
पर तन्हाई में, ये आसूं कैसे छुपाऊंगी,,
पहले तुम को, फिर तुम्हारी यादों को भुलाऊँगी।।।-
रात ढली और ढलती चली गई, 🌃
कुछ इस कदर बात बिगड़ी ..
और बिगड़ती चली गई...............
वो टूटा और टूट कर बिखर गया..
.... मैं पूरी की पूरी उसमे सिमटती चली गई......
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रात ढली और ढलती चली गई,
कुछ इस कदर बात बिगड़ी
और बिगड़ती चली गई......
वो टूटा और टूट कर बिखर गया,
मैं उसमे सिमटती चली गई. .............
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तेरे साथ का सफ़र, थोड़ा छोटा , लेकिन सुहाना रहा!
ये यादें, वो वादे, हर पल में, जैसे एक फसाना रहा!
इश्क़ खेल है शतरंज का , और
हमने सब कुछ लगा दिया दावँ पर
कौन जीता, कौन हारा,
_तमाशबीन_ये सारा_ जमाना रहा!-
तुझे पा लेने की खुशी 😊
तुझे खो देने का डर, 😟
मुकम्मल हैं यादें तेरी😇
पर बहुत छोटा रहा हमारा ये सफर🙃
कभी याद आए तुझे हमारी, तो देखना मुड़ कर🥺
हम मिलेंगे तुझे उसी आखिरी मोड पर!!🥲-
ये जो आखिरी साँसें गिन रहा है,
रिश्ता दिल का है, और अब
दिल ही नहीं लग रहा है।
कौन, कब, कैसे,
किस मोड़ पर छोड़ जाए
क्या पता,
बात तो वक़्त की ,
जो आज कल सब का खराब चल रहा है
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करवट बदलती रातें
बेचैनी से कट रही हैं।
तू कल सुबह मेरा होगा या नहीं
ये मुझसे सवाल कर रही हैं।।-
लिखती जरूर मैं हूँ,
पर आप पढ़ते मुझे नहीं,,
वो तो शख्सियत है किसी और कि,
जो इन शब्दों में झलकती हैं।।।-