वो आदमी .......
मेरे शून्य में पूर्ण हो जाता है
मेरे एकांत में एक नई सृष्टि बनाता है
वो आदमी......
दर्द में मेरे आंसू बहाता है
मुस्कान को मेरी आनंद बताता है
वो आदमी.....
शेरनी मुझे बुलाता है और मेरे सामने भीगी बिल्ली बन जाता है
वो आदमी......
सारी दुनिया से लड़कर, बिन लड़े बस मुझसे हार जाता है
वो आदमी......
वह आदमी मौन मेरा पढ़ लेता है फिर भी बातों से मेरी अनजान कभी हो जाता है।
वो आदमी..........
एक पल भी हक नहीं जताता मुझ पर और सबसे खास दोस्त खुद को मेरा बताता है।
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जो लिख सको तो कभी किसी का मौन लिखना
लिखना उसकी आंखों की मुस्कुराहट
लिखना उसकी शून्य लफ्जों की पूर्णता
लिखना उसकी भावों की ऊर्जा का दिव्य संचार
न पूछना उसका परिचय, ना अपना क्यों और कौन लिखना
जो लिख सको तो कभी किसी का मौन लिखना
लिखना उसकी खिलखिलाहट की क्षमता
लिखना उसकी भोंहो की लचक, और
स्थिरता
लिखना उसकी आभा का आनंद
ना उसकी दृष्टि, ना अपना दृष्टिकोण लिखना
जो लिख सको तो तुम किसी का मौन लिखना
ना कोई अपना मुख्य उसे, न हीं कोई गौण लिखना
बस जो लिख सको तो कभी किसी का मौन लिखना-
heart is source of love and love is the source of Life.
so first of all be full of love
then shower love all around you...-
कुछ इस तरह वो मुझे सही साबित करते हैं
आहिस्ता से संशय को मेरे ,वो सच में बदलते हैं-
अच्छा है जो...
लड़ लिया करते हैं ये शब्द भी अपने हक में
वरना सब को सुनने की आदत, हमें गूंगा ही बना देती।-